45 करोड़ श्रद्धालु, सुरक्षा का ऐसा इंतजाम पहले कभी नहीं देखा होगा!

महाकुंभ 2025: 45 करोड़ श्रद्धालु, सुरक्षा का ऐसा इंतजाम पहले कभी नहीं देखा होगा!

उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बनाना चाहती है. इसके लिए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है.

महाकुंभ नगर में स्थित मंदिरों और दूसरे महत्वपूर्ण स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह का खतरा न हो. पूरे मेला क्षेत्र प्रयागराज और आसपास के जिलों में इंटेलिजेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया गया है. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए खुफिया टीमें तैनात की गई हैं. जिले में एंट्री करने वाले हर व्यक्ति की जांच के लिए कई चेकपॉइंट बनाए गए हैं.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जमीन, पानी और हवा तीनों जगहों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पुलिस और ATS टीमों ने मॉक ड्रिल करके अपनी तैयारी को परखा है. सुरक्षा के सभी इंतजामों का पूरा निरीक्षण किया गया है. 

महाकुंभ 2025: आग से सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम
महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं और उत्तर प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज डिपार्टमेंट ने मेला क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए चार अत्याधुनिक ‘आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर’ (AWT) तैनात किए हैं.

AWT एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है जिसे खास तौर पर ऊंची इमारतों और बड़े टेंटों में आग बुझाने के काम आता है. इससे ऊंची इमारतों और टेंटों में लगी आग को आसानी से बुझाया जा सकता है. इसमें 10,000 लीटर पानी की क्षमता होती है, जो आग बुझाने के लिए काफी होता है. इसमें एक घुमावदार सीढ़ी होती है जिससे अग्निशमन कर्मी आसानी से ऊपर चढ़ सकते हैं और आग पर काबू पा सकते हैं.

महाकुंभ 2025: 45 करोड़ श्रद्धालु, सुरक्षा का ऐसा इंतजाम पहले कभी नहीं देखा होगा!

आग बुझाने वाली गाड़ियों (AWT) में ऐसे कैमरे लगे हैं जो दूर से ही आग और लोगों को देख सकते हैं. ये गाड़ियां 35 मीटर ऊंची और 30 मीटर दूर तक पानी फेंक सकती हैं. अगर आग बहुत भयंकर हुई तो ये गाड़ियां आग बुझाने वालों को भी बचाएंगी. आग से सुरक्षा के लिए 131 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. 351 आग बुझाने वाली गाड़ियां, 50 से ज्यादा फायर स्टेशन, 2000 से ज्यादा फायरफाइटर्स, 20 जगहों पर आग बुझाने की चौकियां और हर टेंट में आग बुझाने का सामान होगा. इससे महाकुंभ में आग से किसी हादसे का खतरा बहुत कम हो जाएगा.

महाकुंभ 2025: किस तरह की हाई-टेक सुरक्षा व्यवस्था
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल के महाकुंभ को ‘डिजिटल महाकुंभ’ बनाने पर जोर दिया है. इसके लिए हाई-टेक सुरक्षा के कई इंतजाम किए गए हैं. पूरे एरिया में AI से लैस कैमरे लगाए गए हैं जो भीड़ पर नजर रखेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत कंट्रोल रूम को भेजेंगे. हवाई निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

ये ड्रोन भीड़ भाड़ वाले इलाकों पर नजर रखेंगे और किसी भी अप्रिय घटना की जानकारी तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएंगे. सुरक्षा के लिए एंटी-ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि कोई अनाधिकृत ड्रोन एंट्री न कर सके. ये ड्रोन जमीन से जुड़े रहते हैं और लंबे समय तक हवा में रहकर निगरानी कर सकते हैं.

महाकुंभ 2025: 45 करोड़ श्रद्धालु, सुरक्षा का ऐसा इंतजाम पहले कभी नहीं देखा होगा!

महाकुंभ 2025: क्या पानी के अंदर भी रखी जाएगी पैनी नजर?
महाकुंभ में पहली बार पानी के अंदर चलने वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये ड्रोन 24 घंटे नदियों की गहराई में निगरानी रखेंगे और श्रद्धालुओं को पवित्र संगम स्नान के दौरान सुरक्षित रखने में मदद करेंगे. इन ड्रोनों में ऐसी तकनीक है जिससे ये कम रोशनी में भी साफ तस्वीरें ले सकते हैं और पानी के अंदर किसी भी चीज पर नजर रख सकते हैं.

ये ड्रोन 100 मीटर की गहराई तक जा सकते हैं और पानी के अंदर की हर गतिविधि पर नजर रख सकते हैं. ये ड्रोन सीधे कंट्रोल रूम को लाइव तस्वीरें भेजते हैं, जिससे किसी भी समस्या की जानकारी तुरंत मिल जाती है. खास बात यह है कि इन ड्रोनों को कितनी भी दूरी से कंट्रोल किया जा सकता है. 

ये ड्रोन पानी के अंदर चलने वाले छोटे रोबोट होते हैं जिनमें कैमरे और सेंसर लगे होते हैं. ये कैमरे पानी के अंदर की तस्वीरें लेते हैं और सेंसर पानी की गहराई, तापमान और अन्य चीजों की जानकारी इकट्ठा करते हैं. यह सारी जानकारी वायरलेस तरीके से कंट्रोल रूम को भेजी जाती है. अगर कोई व्यक्ति पानी में डूब जाता है, तो इन ड्रोन की मदद से उसे ढूंढा जा सकता है.

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महाकुंभ 2025: डिजिटल सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम
‘डिजिटल महाकुंभ’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं को साइबर अपराधों से बचाने के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा टीम बनाई गई है. यह टीम ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग और दूसरे साइबर अपराधों से श्रद्धालुओं की रक्षा करेगी.

साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे. श्रद्धालुओं को ऑनलाइन सुरक्षा के तरीके बताए जाएंगे ताकि वे साइबर अपराधियों का शिकार न बनें. कुंभ में साइबर हेल्प डेस्क बनाए गई हैं, जहां श्रद्धालु साइबर सुरक्षा से जुड़ी कोई भी समस्या या शिकायत लेकर आ सकते हैं.

महाकुंभ से जुड़ी नकली वेबसाइटों और ऐप्स पर नजर रखी जाएगी और उन्हें ब्लॉक किया जाएगा. सोशल मीडिया पर अफवाहें और गलत जानकारी फैलाने वालों पर भी नजर रखी जाएगी.

AI का इस्तेमाल साइबर हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए किया जाएगा. कुंभ में एक सुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क उपलब्ध कराया जाएगा ताकि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकें.

महाकुंभ 2025: आपात स्थिति से निपटने के लिए क्या तैयारी
महाकुंभ में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भी पूरी तैयारी कर ली है. इसके लिए एक अत्याधुनिक ‘मल्टी-डिजास्टर रिस्पांस व्हीकल’ तैनात किया गया है जो प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सड़क दुर्घटनाओं तक, हर तरह की आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है.

इस मल्टी-डिजास्टर रिस्पांस व्हीकल में पीड़ितों का पता लगाने वाला कैमरा लगा है. यह कैमरा उन लोगों को ढूंढने में मदद करता है जो इमारत गिरने या किसी अन्य दुर्घटना में फंस गए हैं. इसमें 10 से 20 टन तक वजन उठाने वाले ‘लिफ्टिंग बैग’ हैं, जिनसे मलबे में दबे लोगों को बचाया जा सकता है. इसके अलावा 1.5 टन तक वजन उठाने और हटाने वाली मशीनें भी हैं.

आपात स्थिति में मजबूत मलबे को काटने और फैलाने के लिए भी इसमें उपकरण हैं. बिजली न होने की स्थिति में भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने के लिए इसमें एक जनरेटर लगा है. इसमें लाइफ जैकेट, लाइफ रिंग और लाइफ बॉय जैसे सुरक्षा उपकरण भी हैं. आग लगने की स्थिति में सटीक तापमान मापने के लिए इसमें एक उपकरण लगा है.

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महाकुंभ 2025: रिमोट से चलने वाले लाइफबॉय भी तैनात
पहली बार महाकुंभ में रिमोट से चलने वाले लाइफबॉय का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये लाइफबॉय पानी में डूबने की स्थिति में श्रद्धालुओं की जान बचाने में मदद करेंगे. ये लाइफबॉय रिमोट से कंट्रोल किए जाते हैं और पानी में तेजी से चल सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति पानी में डूब रहा है, तो ये लाइफबॉय उस तक पहुंचकर उसे सुरक्षित किनारे तक ले आएंगे. इन लाइफबॉय में कैमरे भी लगे होते हैं, इससे कंट्रोल रूम में बैठे लोग स्थिति को देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर और मदद भेज सकते हैं.

इसके अलावा, किसी भी आपात स्थिति या दुर्घटना से निपटने के लिए एक खास सिस्टम बनाया गया है, जिसे ‘इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम’ (IRS) कहते हैं. असल में कुंभ को कई हिस्सों में बांटा गया है और हर हिस्से के लिए एक कमांडर नियुक्त किया गया है. अगर किसी हिस्से में कोई दुर्घटना या आपात स्थिति होती है, तो उस हिस्से का कमांडर तुरंत कार्रवाई करेगा. जरूरत पड़ने पर अन्य हिस्सों से भी मदद मंगाई जा सकती है.

महाकुंभ 2025: सात स्तर वाली सुरक्षा व्यवस्था 
महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सात स्तर वाली सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. पूरे एरिया में सात स्तरों वाली सुरक्षा घेरे में रखा गया है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके.

  • बाहरी घेरा: कुंभ एरिया के बाहर ही सुरक्षा बलों का पहला घेरा होगा जो संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की जांच करेगा
  • दूसरा घेरा: इस घेरे में भी सुरक्षा बल तैनात रहेंगे और वाहनों की गहन जांच की जाएगी
  • तीसरा घेरा: इस घेरे में एंट्री करने के लिए श्रद्धालुओं को अपनी पहचान पत्र दिखाना होगा
  • चौथा घेरा: यह घेरा भीड़भाड़ वाले इलाकों में होगा जहां सुरक्षा बल भीड़ को नियंत्रित करेंगे
  • पांचवां घेरा: यह घेरा अहम स्थलों जैसे मंदिरों और स्नान घाटों के आसपास होगा
  • छठा घेरा: यह घेरा वीआईपी और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए होगा
  • आंतरिक घेरा: यह घेरा सबसे महत्वपूर्ण स्थलों जैसे मुख्य स्नान घाट और अखाड़ों के आसपास होगा.

इसके अलावा, प्रयागराज और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया है ताकि किसी भी तरह के हथियार या विस्फोटक सामग्री न पहुंच सके. होटल, रेस्टोरेंट, स्ट्रीट वेंडर और अनधिकृत बस्तियों की भी गहन जांच की जा रही है. प्रयागराज में एंट्री करने वाली गाड़ियों की सख्ती से जांच की जाएगी. बिना लाइसेंस वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा.

महाकुंभ 2025: पुलिस की क्या है तैयारी
प्रयागराज में महाकुंभ के लिए पुलिस ने बहुत अच्छी तैयारी की है. पूरे मेले को 8 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है. 13 नए पुलिस स्टेशन और 33 चेकपॉइंट बनाए गए हैं. सुरक्षा के लिए PAC की 5 कंपनियां, NDRF की 4 टीमें, AS चेक की 12 टीमें और BDD की 4 टीमें भी तैनात की गई हैं. 

शहर और गांव दोनों जगह अस्थायी पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं ताकि किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके. कुंभ में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की जांच के लिए कई चेकपॉइंट बनाए गए हैं. 10,000 से ज्यादा पुलिस कर्मी महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे. पीएसी, एनडीआरएफ और सीएपीएफ की यूनिट भी तैनात की गई है. 700 से ज्यादा नावों में PAC, NDRF और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के कर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे. अर्धसैनिक बल, बम निरोधक दस्ते और अन्य सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं.

महाकुंभ 2025: 45 करोड़ श्रद्धालु, सुरक्षा का ऐसा इंतजाम पहले कभी नहीं देखा होगा!

महाकुंभ 2025: हाईटेक ‘लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर’ कैसे करेंगे मदद
महाकुंभ में लाखों लोग आएंगे. ऐसे में खासकर बच्चों और बुजुर्गों का भीड़ में बिछड़ जाना एक बड़ी चिंता का विषय है. इस समस्या से निपटने के लिए मेला प्रशासन और पुलिस ने मिलकर पूरे एरिया में हाईटेक ‘लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर’ बनाए हैं. लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर एक ऐसी जगह है जहां कोई भी व्यक्ति अपने परिवार या दोस्तों से बिछड़ने पर मदद ले सकता है. 

महाकुंभ 2025 न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आस्था और एकता का प्रतीक भी है. प्रशासन इस आयोजन को सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.

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