क्या खाक हो जाएगा हॉलीवुड ?
आखिर सर्दी के मौसम में जंगल में आग कैसे लगी और फैली, 80 घंटे बाद भी अमेरिका इसे बुझा क्यों नहीं पा रहा और क्या हॉलीवुड खाक हो जाएगा …

सवाल-1: कैलिफोर्निया में ठंड का मौसम है, ऐसे में जंगल गीले होते हैं, फिर आग कैसे भड़की?
जवाब: कैलिफोर्निया में आग लगने की असल वजह का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि इसके पीछे 2 थ्योरीज बताई जा रही हैं…
1. जंगलों में कैपिंग या एक्टिविटी करते समय किसी व्यक्ति ने आग जला दी, जो जंगल में फैल गई। आमतौर पर जून के महीने में शुष्क मौसम यानी ड्राई वेदर की वजह से आग लगने की घटनाएं होती हैं।
2. कैलिफोर्निया के जंगलों में बिजली के तारों का जाल फैला हुआ है। ऐसे में सूखे पेड़ों ने इन तारों से आग पकड़ ली होगी। ऐसी ही एक घटना 12 नवंबर 2024 को लॉस एंजिलिस के वेंचुरा काउंटी इलाके में हुई थी। तब आग लगने से 19 हजार एकड़ से ज्यादा इलाका जल गया था।

साउथ कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग प्रोफेसर और डिजास्टर रिस्पॉन्स एक्सपर्ट नजमेदिन मेश्काती ने कहा,

आग लगने की वजह बिजली की लाइनें हों या न हों, लेकिन आग के खतरे को कम करने के लिए इन लाइनों को जमीन के अंदर यानी अंडरग्राउंड कर देना चाहिए।
सवाल-2: पेसिफिक पैलिसेड से शुरू हुई आग कैसे बढ़ी और कहां-कहां फैल गई?
जवाबः
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कैलिफोर्निया की आग इतनी तेजी से इतने बड़े इलाके में फैलने के पीछे 2 बड़ी वजहें हैं…
1. ड्राय वेदर से जंगल सूखा था लॉस एंजिलिस में 2022 और 2023 में सामान्य से बहुत ज्यादा बारिश और सर्दी हुई थी। इस वजह से जंगलों में बहुत सारे पेड़ और झाड़ियां पैदा हो गईं। इसके बाद 2024 में सर्दी और बारिश कम रही। इसके चलते पेड़-पौधों को नमी नहीं मिली और ये सूख गए। इन्हीं सूखी झाड़ियों ने आग के लिए एक तरह से रास्ते का काम किया। इन जंगलों में चीड़ के पेड़ भी लगे हुए हैं। चीड़ के पत्ते फौरन आग पकड़ लेते हैं।
क्लाइमेट साइंटिस्ट डेनियल स्वेन ने कहा,

साउथ कैलिफोर्निया में बहुत कम बारिश होने के चलते इस जगह पर अब तक का सबसे ज्यादा सूखा पड़ा। सूखे जंगल इस आग के लिए ईंधन का काम कर रहे हैं।
2. सांता एना से आने वाली गर्म और तेज हवाएं कैलिफोर्निया से लगभग 200 मील दूर ग्रेट बेसिन रेगिस्तान है। अक्टूबर और जनवरी के बीच में इस इलाके में एयर प्रेशर ज्यादा होता है। इससे बनने वाली गर्म और कम नमी वाली हवाएं पास ही मौजूद सिएरा, नेवादा और सांता एना की पहाड़ियों पर पहुंचती हैं। इन हवाओं को सांता एना हवाएं कहते हैं। पहाड़ी दर्रों से गुजरने के दौरान इनकी रफ्तार बढ़ जाती है। इसके बाद ये तेज हवाएं कैलिफोर्निया पहुंचती हैं। इस बार इन हवाओं की स्पीड ज्यादा है, जिसके चलते आग की लपटें तेजी से फैलीं।
इनके अलावा क्लाइमेट चेंज भी एक वजह बताई जा रही है। डेनियल स्वेन के मुताबिक, बीते कुछ सालों में कैलिफोर्निया में जंगल की आग का मौसम लंबा हो गया है। जलवायु परिवर्तन ने पूरे कैलिफोर्निया में गर्मी बढ़ा दी है। इससे न केवल आग लगने की संभावना बढ़ी है, बल्कि आग फैलना भी आसान हो गया है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट (CSE दिल्ली) के प्रोग्राम ऑफिसर तृषान्त देव कहते हैं कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया या उत्तराखंड जैस ठंडे इलाकों में पारंपरिक रूप से जंगलों में आग लगती रहती है। क्लाइमेट चेंज की वजह से इन ठंडे इलाकों में भी लंबे समय तक गर्मी और सूखे के मौसम बन रहे हैं, इसलिए जब आग लगती है तो उसकी इंटेंसिटी यानी तीव्रता बहुत ज्यादा होती है।’

सवाल-3: इस आग में अब तक जान-माल का कितना नुकसान हो चुका है?
जवाबः पिछले 4 दिनों में आग 35 हजार एकड़ में फैल चुकी है। इसमें 29 हजार एकड़ का इलाका पूरी तरह से जल चुका है। यहां 10 हजार से ज्यादा घर जलकर राख हो गए हैं। इसमें लगभग 8 बिलियन डॉलर यानी 68 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। लॉस एंजिलिस काउंटी शेरिफ डिपार्टमेंट ने करीब 4 लाख लोगों को घर छोड़ने की चेतावनी जारी की है। वहीं लगभग 3 लाख लोग बिना बिजली के रह रहे हैं।

लॉस एंजिलिस काउंटी के शेरिफ रॉबर्ट लूना ने कहा,

आग को देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे इन इलाकों में परमाणु बम गिराया गया हो। इस तबाही में मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
जंगलों से शुरू हुई इस आग ने मालिबू और पेसिफिक पैलिसेड जैसे पॉश इलाकों में सैकड़ों घरों को जलाकर खाक कर दिया। इनमें पेरिस हिल्टन, स्टीवन स्पीलबर्ग, बैंडी मूर और एश्टन कुचर समेत कई हॉलीवुड स्टार्स के घर शामिल हैं। कैलिफोर्निया की आग ‘हॉलीवुड हिल्स’ तक पहुंच चुकी है। यहां मौजूद अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री की पहचान ‘हॉलीवुड बोर्ड’ के भी जलने का खतरा है। लॉस एंजिलिस के ब्रेटनवुड इलाके में बना अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का घर खाली करा दिया गया है।
सवाल-4: आग बुझाने के लिए अमेरिका क्या कर रहा है और 80 घंटे बाद भी आखिर काबू क्यों नहीं कर पाया?
जवाबः 10 जनवरी को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपना इटली दौरा रद्द कर दिया। उन्होंने व्हाइट हाउस में सीनियर कंसल्टेंट्स की मीटिंग के बाद X पर एक पोस्ट में कहा, ‘कैलिफोर्निया में लगी आग को रोकने और इलाके में स्थितियां सामान्य करने के लिए हम कुछ भी करेंगे। फेडरल सरकार तब तक यहां रहेगी जब तक आपको हमारी जरूरत होगी।’
अमेरिकी सरकार ने साउथ कैलिफोर्निया में 5 फॉरेस्ट सर्विस एयर टैंकरों को तैनात किया है। ये जंगल के ऊपर से पानी की बौछार कर रहे हैं। 10 हेलिकॉप्टर भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। इसके अलावा अमेरिकी फॉरेस्ट सर्विस ने सैकड़ों दमकल गाड़ियों को भी तैनात कर दिया है। लगभग 7500 फायर फाइटर्स आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।

कैलिफोर्निया में लगातार पानी के टैंकर बढ़ाए जा रहे हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि लॉस एंजिलिस में आग बुझाने के संसाधन कम पड़ गए हैं। उन सभी दमकल कर्मियों को बुलाया जा रहा है जो छुट्टी पर थे। कनाडा भी कैलिफोर्निया में लगी आग बुझाने में अमेरिका की मदद कर रहा है। कनाडा ने अपने सुपर स्कूपर कहे जाने वाले CL-415 प्लेन कैलिफोर्निया भेजे हैं। जो आसमान से आग पर पानी की बौछार करते हैं।
रेस्क्यू टीम ने लगभग 2 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया है। स्कूल और कम्युनिटी सेंटर्स वगैरह में इमरजेंसी शेल्टर बनाए गए हैं। हालांकि आग लगने के 80 घंटे बाद भी अमेरिका इस पर काबू नहीं पा सका है।
ट्रॉपिकल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, जबलपुर (TFRI) के वैज्ञानिक धीरज गुप्ता इसकी वजह बताते हुए कहते हैं,

कैलिफोर्निया में इस समय जो आग लगी हुई है, वह कैनोपी फायर है। यह पेड़ों के ऊंचे-ऊंचे झुरमुटों में लगती है। हवा की तेज स्पीड के चलते ये आग ऊपर ही ऊपर एक पेड़ से दूसरे पेड़ में फैलती रहती है। इसे किसी जमीनी तरीके से नहीं रोका जा सकता। कितने भी हेलिकॉप्टर लगा दिए जाएं, यह ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है।

सवाल-5: क्या आग अभी और फैल सकती है और यह कब तक बुझेगी?
जवाबः न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आग अभी और ज्यादा फैल सकती है। लॉस एंजिलिस की मेयर कैरेन बास ने कहा, ‘हमें लगता है कि तेज हवाओं के कारण यह आग तेजी से फैलेगी।’
हालांकि कैलिफोर्निया गवर्नर की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हॉलीवुड हिल्स की ओर बढ़ने वाली सनसेट फायर पर काबू पा लिया गया है।
धीरज गुप्ता का कहना है कि अभी आग जितनी तेज है उस हिसाब से पूरी तरह आग बुझाने में कई हफ्ते या महीने भी लग सकते हैं। फिलहाल, तीन स्थितियों में ही कैलिफोर्निया की आग बुझ सकती है…
- जंगलों में हवा की स्पीड कम हो जाए या हवा उल्टी बहने लगे।
- अचानक आग के इलाके में भारी बारिश हो जाए।
- इलाके में नमी का मौसम बन जाए।
सवाल-6: क्या इस आग पर अमेरिका में पॉलिटिक्स शुरू हो गई है?
जवाबः डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके राष्ट्रपति जो बाइडेन को आग के लिए जिम्मेदार ठहराया। ट्रम्प ने लिखा, ‘फायर हाइड्रेंट (पानी के स्टोर्स) में पानी नहीं है, फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (FEMA) के पास पैसा नहीं है। जो बाइडेन मेरे लिए यही सब छोड़कर जा रहे हैं। शुक्रिया जो।’
ट्रम्प ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूजकम पर भी निशाना साधा। ट्रम्प ने कहा कि इतना समय बीत जाने के बाद भी गैविन न्यूजकम और उनकी लॉस एंजिलिस टीम आग पर काबू नहीं पा सकी है। सरकार की तरफ से आग को काबू करने के लिए कोई असरदार कदम नहीं उठाए जा रहे। सरकार इस तरह काम नहीं करती है और आग 20 जनवरी (शपथ ग्रहण का दिन) तक इंतजार नहीं कर सकती।
इस पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा,

मैं जल्द ही राष्ट्रपति का पद छोड़ने वाला हूं। इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
सवाल-7: आमतौर पर जंगलों में आग कैसे लगती है और इसे कैसे बुझाया जाता है?
जवाबः आग लगने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है- ऑक्सीजन, ईंधन और गर्मी। आग जलने के लिए हवा में कम से कम 16% ऑक्सीजन होनी चाहिए। साफ हवा में 21% ऑक्सीजन होती है। जंगलों में पेड़-पौधे आग के लिए ईंधन का काम करते हैं। एक बार आग लग जाने के बाद जंगल की हवा गर्म होने पर नमी खत्म हो जाती है। पेड़ों की सूखी हुई टहनियां और शाखाएं आसानी से आग पकड़ लेती हैं।

इसके अलावा आबादी के आसपास फैली आग के इलाके में पेड़-पौधों की छंटाई करके एक बफर जोन बना दिया जाता है। सैटेलाइट, ड्रोन और जमीन पर लगे इन्फ्रारेड सेंसर्स के जरिए आग का पहले से पता लगाने की कोशिश की जाती है।
सवाल-8: क्या भारत में भी इस तरह की भीषण आग लग चुकी है, तब आग कैसे बुझी थी?
जवाबः 2016 में उत्तराखंड के जंगलों में भयंकर आग लगी थी। उस समय ठंड के मौसम में बारिश नहीं हुई थी। इसलिए जंगल के इलाके में गर्मी थी। अप्रैल महीने की शुरुआत में कुछ इलाकों में छिटपुट आग लगी। धीरे-धीरे यह आग उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं में फैलने लगी। दोनों इलाकों के कई जिलों की कुल 4,538 हेक्टेयर जमीन आग की चपेट में आ गई। इस दौरान कुल 9 लोगों की मौत हुई और 17 घायल हुए। मई महीने में बारिश हुई, जिसकी मदद से 15 मई के आसपास तक सेना और NDRF की टीम ने आग पर काबू पा लिया।
