जो योजना चुनाव में गेमचेंजर बनी…क्या उसी से मोहभंग?

जो योजना चुनाव में गेमचेंजर बनी…क्या उसी से मोहभंग?:लाड़ली बहना में विस चुनाव से नए नाम नहीं जुड़े; इस माह 1.63 लाख महिलाएं बाहर होंगी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान जो पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की जो लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर बनीं, अब उसी योजना से मौजूदा सरकार का मोहभंग होता दिख रहा है। प्रदेश की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट इस योजना में जनवरी 2025 में 1.63 लाख महिलाएं बाहर होने जा रही हैं। इसकी वजह है कि इन महिलाओं की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो गई। योजना की पात्रता के अनुसार, हर साल 1 जनवरी की स्थिति में लाभार्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 60 वर्ष होनी चाहिए।

सबसे खास बात है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं तो योजना से बाहर हो रही हैं, लेकिन नए नाम इसमें विधानसभा चुनाव के बाद से नहीं जुड़े हैं। योजना में नए नाम आखिरी बार सितंबर 2023 में जुड़े थे। इसके बाद विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। तब से अब तक लाड़ली बहनों के खातों में डेढ़ साल में राज्य सरकार 19 किश्तें ट्रांसफर कर चुकी है, लेकिन नए नाम नहीं जोड़े गए।

60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को बाहर कर रहे, 21+ वालों को क्यों नहीं जोड़ रहे : नाथ

पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर कहा- लाड़ली बहनों से मोहन सरकार की धोखाधड़ी जारी है। ऐसा लगता है, जैसे भाजपा सरकार लाड़ली बहना योजना को समाप्त करना चाहती है। 60 वर्ष से अधिक की महिलाओं को बाहर किया जा रहा है, लेकिन 21 वर्ष की होने वाली महिलाओं को योजना में शामिल करने पंजीयन नहीं किया जा रहा है।

3 हजार प्रतिमाह का वादा था, वह भी अब तक पूरा नहीं हुआ

इस माह सिर्फ 1.26 करोड़ महिलाओं को ही लाड़ली बहना की 1250 रुपए की किस्त मिल सकेगी। इससे पहले 11 दिसंबर 2024 को 1.28 करोड़ महिलाओं के खाते में सरकार ने 1572 करोड़ रुपए डाले थे। इस माह उन्हें 20वीं किस्त जारी की जाएगी। हालांकि, चुनाव के दौरान भाजपा ने वादा किया था कि वह लाड़ली बहना की किस्त 3 हजार रुपए प्रतिमाह तक करेंगे, लेकिन यह वादा भी अब तक पूरा नहीं हुआ है।

मंत्री बोलीं- नए नाम जोड़ने पर फिलहाल फैसला नहीं

हर साल जुलाई और जनवरी माह में 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाली और मृत्यु हो जाने वाली हितग्राहियों के नाम स्वत: ही योजना से हट जाते हैं, किसी का नाम काटा नहीं जाता है, बल्कि अपने आप सॉफ्टवेयर सिस्टम इन्हें हटा देता है। नए नाम जोड़ने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, भविष्य में नए नाम जोड़े जाएंगे, इस संबंध में सीएम डॉ. मोहन यादव ऐलान कर चुके हैं।-निर्मला भूरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री

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