कहां गई सरकारी टीचर बनी पाकिस्तानी महिला?

UP: कहां गई सरकारी टीचर बनी पाकिस्तानी महिला? फोन भी किया बंद; ये था शुमायला का तर्क
पाकिस्तानी मूल की शुमायला मोबाइल फोन बंद कर लापता हो गई है। शुमायला ने नागरिकता छिपाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी हासिल की थी। उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था।
पाकिस्तानी मूल की बर्खास्त शिक्षिका शुमायला खान रिपोर्ट दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के डर से मोबाइल फोन बंदकर लापता हो गई है। उसकी तलाश में रामपुर गई टीम खाली हाथ लौट आई। इधर, बेसिक शिक्षा विभाग रिकवरी की तैयारी कर रहा है। सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव को मामले की रिपोर्ट भेजी जाएगी।

फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर गंगवार ने शुक्रवार को फतेहगंज पश्चिमी थाने में रामपुर शहर के बजरोही टोला में गली नंबर चार के मकान नंबर 20 की निवासी शुमायला खान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

शुमायला ने नागरिकता छिपाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी हासिल की थी। उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। कई साल पहले मां के साथ वह भारत आई और रामपुर में रहने लगी थी।

बर्खास्तगी और रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शुमायला लापता है। रविवार को पुलिस ने उसकी तलाश में रामपुर और बरेली के संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद खुफिया एजेंसियां भी मामले से जुड़ा इनपुट खंगाल रहीं हैं। 

एसपी सिटी मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि पाकिस्तानी मूल की बर्खास्त शिक्षिका शुमायला खान की तलाश की जा रही है। वह लापता है। उसका मोबाइल फोन भी बंद जा रहा है। सोमवार को मामले में फतेहगंज पश्चिमी के खंड शिक्षा अधिकारी के बयान दर्ज किए जाएंगे। महिला की तलाश को लेकर बरेली पुलिस, रामपुर पुलिस के संपर्क में है।
आपको बता दें कि रामपुर के बजोड़ी टोला में गली नंबर चार के मकान नंबर-20 निवासी शुमायला खान पुत्री एसए खान पर रिपोर्ट फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) भानु शंकर गंगवार ने दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उसकी नागरिकता को लेकर शिकायत आई थी। आरोप था कि वह पाकिस्तानी नागरिक है। इस मामले में विभाग ने उसके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था।
तहसीलदार सदर रामपुर की जांच में साफ हुआ था कि शुमायला का निवास प्रमाणपत्र फर्जी है। वास्तव में वह पाकिस्तानी नागरिक है। इसके बाद उसका प्रमाणपत्र पिछले साल निरस्त कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने कई बार स्पष्टीकरण मांगा पर वह प्रमाणपत्र की सत्यता नहीं साबित कर सकी। इस पर बीएसए संजय सिंह ने शुमायला को निलंबित कर दिया था। अब जांच के बाद उसकी सेवा समाप्त कर बीएसए ने रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग लखनऊ मुख्यालय भेज दी है।

क्या था शुमायला का तर्क
शुमायला खान के दस्तावेजों की जांच वर्ष 2021 में मुरादाबाद एलआईयू से प्राप्त पत्र के बाद शुरू हुई थी। तत्कालीन नोटिस पर शुमायला ने जवाब दिया था कि मां माहिरा बेगम पाकिस्तान से वर्ष 1981 में भारत आईं थीं। तब वह दो वर्ष की थी। 1985 में रामपुर में मां की दूसरी शादी हुई। 

वर्ष 1992 में मां रामपुर के एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका बनीं। 2007 में रामपुर की पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में आवास आवंटित हुआ था। उसकी शिक्षा रामपुर में हुई। मीरगंज के राजेंद्र प्रसाद डिग्री कॉलेज से बीएड किया था। हालांकि जांच में निवास प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *