ऐसे संन्यासी जिन्हें नहीं होता भगवान को छूने का अधिकार, इनका सबकुछ बस एक ‘दंडी’
ऐसे संन्यासी जिन्हें नहीं होता भगवान को छूने का अधिकार, इनका सबकुछ बस एक ‘दंडी’
Maha kumbh mela: निरामिष भोजन, निरपेक्षता, अक्रोध, अध्यात्मरति, आत्मापरकता, गृहत्याग, सिद्धार्थत्व, असहायत्व, अग्नितत्व, परिब्राजकत्व, मुनिभावत्व, मृत्यु से भयहीनता, दु:ख सुख में समान भाव जैसे नियम का पालन करने वाले और दंडी की पूजा करने वाले कहलाते हैं ‘दंडी संन्यासी’।
Dandi Sanyasi Traditions: इस बार दंडी संन्यासियों का अखाड़ा महाकुंभ के सेक्टर 19 में लगाया गया है। इनकी सबसे बड़ी पहचान उनका दंड ही होती है, जो उनके और परमात्मा के बीच की कड़ी है। उन्हें किसी को छूने का अधिकार नहीं होता और न ही खुद को छूने देने का। जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि शंकराचार्य बनने से पहले दंडी स्वामी की प्रक्रिया जरूरी है।