राजधानी में वोटर्स को लुभाने की होड़ ?

78 हजार 800 करोड़ के बजट वाली दिल्ली में 21000 करोड़ के खर्च वाले वादे… राजधानी में वोटर्स को लुभाने की होड़

दिल्ली का बजट अभी 78 हजार 800 करोड़ रुपय.. इस हिसाब से राजनीतिक दलों द्वारा किए गए अब तक के वादे से 21 हजार करोड़ रुपये केवल मुफ्त की योजनाओं को पूुरा करने में जाएंगे, बाकी 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा वेतन-पेंशन औऱ दूसरी मदों में चला जाएगा, तो सोचिए सड़क, पुल, यमुना की सफाई, नाले, सीवेज, प्रदूषण रोकथाम, इत्यादि पर खर्च करने के लिए पैस कहां से आएंगे?

राजनीति में कोई खुद को दक्षिणपंथी कहता है, कोई खुद को वामपंथी बताता है, कोई मध्यमार्गी (न दक्षिणपंथी न वामपंथी) की विचारधारा दिखाता है. अब सवाल उठ रहे कि क्या धीरे-धीरे चुनाव विचारधारा आधारित न होकर सिर्फ मुफ्तवादी सोच पर ही हुआ करेंगे? दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है, इसके लिए सभी राजनीतिक दल जमकर प्रचार कर रहे हैं. लेकिन सभी के प्रचार में मुफ्त के वादों की भरमार है.

AAP, बीजेपी और कांग्रेस दिल्ली में अब तक करीब 21 हजार करोड़ के फ्रीबीज का ऐलान कर चुकी हैं. दिल्ली का बजट 78 हजार 800 करोड़ रुपये है और अगले कुछ दिन में सिर्फ फ्री के वादों का बजट ही 25 हजार करोड़ के पार जा सकता है. ऐसा लगता है कि चुनाव ना होकर वोटों की बोली लग रही हो पहले पार्टियां घोषणा पत्र जारी करके जनता के सामने विकास का अपना विजन रखती थीं और सारे वादे उसी में कर देती थीं ..

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