अवैध ट्रैवल एजेंट: अवैध ट्रैवल एजेंटों ने लाखों परिवारों को किया बर्बाद !

अवैध ट्रैवल एजेंट: अवैध ट्रैवल एजेंटों ने लाखों परिवारों को किया बर्बाद, कर्ज लेकर विदेश जाते हैं युवक

अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का मुद्दा इन दिनों छाया हुआ है. हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर ऐसा क्या है जो लोगों को 40 से 50 लाख रुपए खर्च करके और अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध तरीके से विदेश जाने पर मजबूर करता है? इसके पीछे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ट्रैवल एजेंट की होती है जो उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाती है.

अवैध ट्रैवल एजेंट: अवैध ट्रैवल एजेंटों ने लाखों परिवारों को किया बर्बाद, कर्ज लेकर विदेश जाते हैं युवक

फोटो: एआई

अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने वाले 104 भारतीयों को ट्रंप सरकार ने वापस भारत भेज दिया गया है. इनमें गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई लोग शामिल हैं. पंजाब की बात करें तो यहां के 30 युवक वापस आए हैं. अपने माता-पिता को कर्ज के जाल में फंसाकर ये लोग अमेरिका पहुंचे थे. पैसे कमाने का चाहत लेकर विदेश पहुंचे इन लोगों ने सोचा था कि वहां जाकर ये डॉलर में पैसे कमाएंगे और अपना कर्ज चुका देंगे. लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था.

युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर बनाते हैं शिकारअवैध ट्रैवल एजेंटों इन युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर अपना शिकार बनाया. एजेंटों ने पूरे पंजाब में जाल बिछा रखा है. ऐश ओ आराम की जिंदगी जीने की चाह रखने वाले ये भोले भाले युवा इनके जाल में फंस जाते हैं और विदेश चले जाते हैं, ये सोचकर कि वहां डॉलर में पैसे कमाएंगे जिससे वो और उनका परिवार आराम से जिंदगी बसर कर सकेगा. माता-पिता न चाहते हुए भी अपने बच्चों की जिद के आगे झुक जाते हैं , वो बैंकों और साहूकारों से कर्ज लेने के अलावा अपनी जमीन, जो उन्हें अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यारी होती है, बेचने से भी गुरेज नहीं करते.

अवैध रूप से भेजते हैं विदेशजैसे ही ट्रैवल एजेंट को यह पता चलता है कि उसका शिकार उसके चंगुल में फंसने के लिए पूरी तरह से तैयार है, तो वह अपने साथ जुड़े अपराधियों को सक्रिय कर देता है. ये अपराधी ही हैं जो इन युवाओं को एक के बाद एक कई देशों की सीमाओं के पार अवैध रूप से भेजते हैं. ये लोगू संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में तस्करी करते हैं.

इस आपराधिक गठजोड़ का अंदाजा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से लगाया जा सकता है. पिछले साल 2024 में अगस्त और सितंबर के महीनों में अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 26 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें शामिल 34 आरोपियों में से 25 को गिरफ्तार भी किया गया.

अगर एनआरआई पुलिस थानों की बात करें तो पिछले साल सितंबर और अक्टूबर में अमृतसर, एसएएस नगर, लुधियाना और पटियाला जिलों में इमिग्रेशन एक्ट की धारा 24/25 के तहत कुल 18 नई एफआईआर दर्ज की गईं. पिछले 6 महीने यानी जनवरी में इन अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 43 मामले दर्ज किये गए, हालांकि, गिरफ्तार लोगों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है.

सख्ती के बाद भी चल रहा धंधासरकार की सख्ती के बावजूद ये ट्रैवल एजेंट गुप्त रूप से अपना कारोबार चला रहे हैं. ये लोग हर साल हजारों युवाओं को अपने झांसे में फंसाकर भारत से बाहर भेज देते हैं. कुछ लोग तो उन्हें नाइजीरिया, फिलीपींस और मैक्सिको जैसे छोटे देशों में छोड़ देते हैं और वादा करते हैं कि वो बाद में उन्हें अमेरिका और कनाडा भेज देंगे. सरकार लगातार ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, बावजूद इसके ये लोग अपना धंधा आगे बढ़ा रहे हैं.

इन राज्यों में भी बढ़ रहा कारोबारपंजाब के बाद गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं जहां के युवाओं में विदेश जाने की सबसे ज्यादा इच्छा होती है. पंजाब से राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने बताया था कि 28 नवंबर 2024 को देशभर में अवैध ट्रैवल एजेंटों की संख्या 3094 थी, जबकि 30 अक्टूबर 2023 तक यह संख्या 2925 हो गई है.

उस समय सबसे अधिक 471 ट्रैवल एजेंटों की सांठगांठ आंध्र प्रदेश में सामने आई थी, जबकि उत्तर प्रदेश में 400, तमिलनाडु में 360, महाराष्ट्र में 309, दिल्ली में 292 और पंजाब में 190 अवैध ट्रैवल एजेंटों की सांठगांठ की जानकारी मिली थी. अगर 2019 में पंजाब विधानसभा में पेश किए गए रिकॉर्ड की बात करें तो 17 मार्च 2017 से 10 अक्टूबर 2019 तक राज्य में अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 2,140 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे.

एजेंटों पर नकेल कसने की कोशिश जारीहालांकि पंजाब पुलिस अपने स्तर पर इन एजेंटों पर नकेल कसने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन ये अपराधी चोरी-छिपे उन युवाओं की मदद से अपनी आजीविका चला रहे हैं, जो विदेश जाकर बेहतर जिंदगी जीने का सपना लेकर इनके झांसे में आ जाते हैं. सरकार और पुलिस भी विदेश जाने वाले लोगों से बार-बार अपील करती है कि वो केवल उन्हीं एजेंसियों से संपर्क करें जिनके पास आव्रजन अधिनियम, 1983 के तहत वैध भर्ती एजेंट (आरए) लाइसेंस हो.

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