जानें कैसे होती है मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति !

कौन थीं भारत की इकलौती महिला CEC, सबसे कम समय तक रहा कार्यकाल, जानें कैसे होती है मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति

India’s first Woman Chief Election Commissioner: वी.एस. रमादेवी ने भारत की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनकर इतिहास रच दिया। अपनी योग्यताओं के बावजूद, वे सबसे कम समय मात्र 16 दिनों तक ही पद पर रहीं।

India’s first Woman Chief Election Commissioner: आजकल भारतीय महिलाएं हर एक क्षेत्र में अपना नाम बना रही हैं। आज हम आपको देश की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के बारे में बताएंगे। जिन्होंने ऐसा करके इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया लेकिन इसके बावजूद कम ही लोग उनके बारे में जानते हैं। हम बात कर रहे हैं वी.एस. रमादेवी  (VS Ramadevi) की। बता दें कि वी.एस. रमादेवी राज्यसभा की महासचिव और कर्नाटक की राज्यपाल बनने वाली पहली महिला भी थीं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-
Election Commission of India
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केवल 16 दिनों तक चला कार्यकाल

वी.एस. रमादेवी ने 26 नवंबर 1990 को भारत की मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में नियुक्त होने वाली पहली और एकमात्र महिला बनकर इतिहास रच दिया था। रमादेवी के नाम सबसे कम कार्यकाल का रिकॉर्ड है, क्योंकि उनका कार्यकाल 11 दिसंबर 1990 को समाप्त हुआ था, जो केवल 16 दिनों तक चला था। चुनाव आयोग के पूर्व कानूनी सलाहकार एस.के. मेंदीरत्ता ने बताया, “कुछ लोग तो वी.एस. रमादेवी को चुनाव आयुक्त के रूप में मान्यता देने को भी तैयार नहीं थे, क्योंकि यह बहुत कम समय के लिए था और एक अस्थायी व्यवस्था की तरह था।”
रमादेवी के नाम दर्ज कई रिकॉर्ड
आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में  1934 में जन्मीं रमादेवी ने वकालत की पढ़ाई की इसके बाद वे नेता बनी। CEC रहते हुए उनके कार्यकाल में एक भी बार चुनाव नहीं हुए। उनके बाद इस पद पर IAS अधिकारी रहे टीएन शेषन आए जिन्हें निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आज भी याद किया जाता है। पहली CEC रहने के बाद रमादेवी ने राज्यसभा राज्यसभा की महासचिव का पद संभाला इसके बाद वो 1997 से 1999 तक हिमाचल प्रदेश की गवर्नर रहीं और फिर 1999 से  2002 तक कर्नाटक राज्य की पहली महिला गवर्नर का पदभार संभाला। साल 2013 में 79 वर्ष की उम्र में रमादेवी की हार्ट अटैक के चलते दुनिया को अलविदा कहा।
पीएम मोदी, राहुल गांधी और केन्द्रीय कानून मंत्री लेंगे नए CEC का फैसला
वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajiv Kumar) मंगलवार, 18 फरवरी को रिटायर हो जायेंगे। अब नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त की तलाश में आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक होनी है। केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए उनकी नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल अधिनियम, 2023 को लागू किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल होंगे। यह प्रक्रिया मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन को नियंत्रित करने वाले नए कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की सुनवाई से एक दिन पहले शुरू होगी।
कौन होगा अगला मुख्य चुनाव आयुक्त
वर्तमान CEC राजीव कुमार के बाद सबसे सीनियर चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार हैं। ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि ज्ञानेश कुमार को ही अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में चुना जा सकता है। हालांकि इस रेस में अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी भी हैं। चयन कमेटी के पास अधिकार हैं कि वो शॉर्ट लिस्ट उम्मीदवार या उससे अलग किसी अन्य कैंडिडेट के नाम की सिफारिश भी कर सकती है
CEC की नियुक्ति प्रक्रिया
CEC और EC की नियुक्ति पर नया कानून के अनुसार, सबसे पहले कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी होती है कि वो मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट करे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी के पास नाम भेजा जाएगा। इसके बाद कमेटी अपनी सिफारिश के नाम को राष्ट्रपति के पास भेजेगी। राष्ट्रपति ही कैंडिडेट के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगीं। इसके बाद एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष और चुनाव आयुक्तों की 62 वर्ष होती है।

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