नोएडा स्पोर्ट्स सिटी 9000 करोड़ घोटाले पर हाईकोर्ट सख्त !

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले पर हाईकोर्ट सख्त, सीबीआई और ईडी मामले की जांच कराने के आदेश

Allahabad Highcourt: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में हुए घोटाले की सीबीआई और ईडी से जांच कराने के आदेश है और मामले में शामिल लोगों पर FIR दर्ज करने को कहा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9000 करोड़ के नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में सीबीआई को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के दिए निर्देश!

Noida Sports City: नोएडा की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में हुए घोटाले की जांच अब सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के आदेश देते हुए कहा कि बिल्डरों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की जाए. हाईकोर्ट ने 10 अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह बड़ा फैसला सुनाया. बिल्डरों ने ओसी (ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) और सीसी (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) पर लगी रोक हटाने के लिए याचिकाएं दाखिल की थीं, लेकिन कोर्ट ने भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों को देखते हुए जांच का आदेश दिया.

स्पोर्ट्स सिटी परियोजना 2010 में शुरू हुई थी. योजना के तहत सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में करीब 32 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी. प्राधिकरण की शर्त के मुताबिक, इस परियोजना में 70% जमीन पर खेल सुविधाएं विकसित की जानी थीं, जबकि 30% जमीन का उपयोग आवासीय और व्यावसायिक निर्माण के लिए किया जाना था. लेकिन बिल्डरों ने खेल सुविधाओं की अनदेखी करते हुए जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर दिया.

हाईकोर्ट ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
शुरुआत में यहां सिर्फ 4 बिल्डरों को जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर 84 हिस्सों में बांट दिया. 46 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के नक्शे भी पास कराए गए. इस घोटाले के कारण नोएडा प्राधिकरण को 9318 करोड़ रुपये का बकाया भुगतना पड़ रहा है. 

हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट कहा कि नोएडा प्राधिकरण, राज्य सरकार और अन्य प्रभावशाली पक्ष भी इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं. इसलिए जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी गई है. सीबीआई जमीन आवंटन, निर्माण कार्य और अन्य गड़बड़ियों की गहन जांच करेगी. इसके अलावा, ईडी को फंड डायवर्जन की जांच करने का आदेश दिया गया है. ईडी देखेगी कि क्या बिल्डरों ने पैसे को शेल कंपनियों में भेजा या किसी निजी खाते में ट्रांसफर किया. अगर इस दौरान कोई भी अवैध लेनदेन पाया जाता है, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.

बिल्डरों पर कार्रवाई के निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों से बकाया वसूलने के लिए नए सिरे से गणना करे और उन्हें मांग पत्र भेजे. अगर तीन महीने में बिल्डर पैसा नहीं चुकाते हैं, तो प्राधिकरण उनके प्लॉट का आवंटन रद्द कर सकता है. साथ ही, इन जमीनों की नीलामी कर दी जाएगी. जब तक यह मामला हल नहीं होता, तब तक बिल्डर फ्लैटों की नई बुकिंग नहीं कर सकेंगे. 

इस घोटाले के कारण करीब 35,000 फ्लैटों का निर्माण प्रभावित हुआ है. इनमें से 15,000 फ्लैट पहले ही बेचे जा चुके हैं, लेकिन नोएडा प्राधिकरण ने ओसी-सीसी पर रोक लगा दी है. इससे घर खरीदारों की रजिस्ट्री फंसी हुई है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक खेल सुविधाओं का निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक बिल्डर फ्लैट बेचने या अन्य निर्माण करने के लिए स्वतंत्र नहीं होंगे.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद आगे क्या होगा?
इस आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण और बिल्डरों के बीच हड़कंप मच गया है. प्राधिकरण को अब सभी बिल्डरों की देनदारी दोबारा तय करनी होगी. वहीं, सीबीआई और ईडी जल्द ही अपनी जांच शुरू करेंगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. इस फैसले से उन हजारों फ्लैट खरीददारों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो पिछले कई सालों से अपने घर की रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं. पूरे मामले पर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.  

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9000 करोड़ के नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में सीबीआई को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के दिए निर्देश!

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