रोज 100 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गैंग में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तार

रोज 100 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गैंग में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तार

साइबर क्राइम पुलिस ने दुबई से संचालित साइबर ठगी गिरोह के लिए काम करने वाले तीन आरोपितों को महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर भारत के लोगों से रोजाना करीब सौ करोड़ रुपये ठगते थे।

Cyber Fraud: रोज 100 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गैंग में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तारपुलिस की गिरफ्तर में आए साइबर ठगी का काम करने वाले आरोपित।
  1. साइबर ठगी गिरोह के लिए काम करने वाले तीन आरोपित गिरफ्तार।
  2. आरोपितों ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर कई लोगों को ठगा।
  3. दुबई से संचालित हो रहे इस साइबर ठगी गिरोह का हुआ पर्दाफाश।

भोपाल। साइबर क्राइम पुलिस ने दुबई से संचालित साइबर ठगी गिरोह के लिए काम करने वाले तीन आरोपितों को महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। साथ ही उन्हें बैंक खाते बेचने वाले दो अन्य लोग भी पकड़े गए हैं।

तीनों आरोपित दुबई में बैठे साइबर ठगों के बैंक अकाउंट ऑपरेटर के रूप में काम करते थे। ठग शेयर बाजार में निवेश के नाम पर भारत के लोगों से रोजाना करीब सौ करोड़ रुपये ठगते थे और फिर ठगी की राशि इन तीनों के खातों में भिजवा देते थे।

50 हजार रुपये में खरीदते थे करंट बैंक अकाउंटआरोपित उस राशि के लेनदेन के लिए 50 हजार रुपये में लोगों से चालू बैंक खाते खरीदते थे। उनके खातों में प्रतिदिन 100 करोड़ से भी ज्यादा साइबर ठगी की राशि आती थी, जिसमें से वे चार प्रतिशत कमीशन काटकर शेष रुपये ठगों को भेज देते थे।

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ठगों ने पिछले वर्ष भोपाल के एक व्यक्ति से शेयर बाजार में निवेश के नाम पर एक करोड़ 22 लाख रुपये की ठगी की थी, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से तीन और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली व नागपुर से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

भोपाल के व्यक्ति से हुई थी 1 करोड़ 22 लाख रुपये की ठगीएसआई देवेंद्र साहू ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई में करीब सवा करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत मिली थी। साइबर ठगों ने शेयर बाजार में भारी मुनाफे का लालच देकर एक फर्जी एप में फरियादी से एक करोड़ 22 लाख रुपये निवेश करवाए थे। जिन खातों में रुपये भेजे गए थे, पुलिस ने उनकी जांच की तो कूचबिहार के ग्राम सोनाखुली निवासी मुस्तफा मुशरफ हुसैन का बैंक खाता निकला।

वह डीफार्मा का विद्यार्थी है और उसने अपना खाता 50 हजार रुपये में कूचबिहार के ही टकागच गांव के निहार आलम को बेच दिया था। निहार कालेज का छात्र है। वह पड़ोसी गांव कुर्सामारी के बीएड छात्र अशरफुल हक के साथ साइबर ठगों के बैंक ऑपरेटर के रूप में काम करता था। दोनों आरोपितों ने बताया कि वे छात्रों को लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाकर खरीदते थे।

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कमिशन काटकर सरगना को भेज देते थेउन खातों में वे प्रतिदिन ठगी की सौ करोड़ से ज्यादा की राशि प्राप्त करते थे और फिर उसमें से चार प्रतिशत कमीशन काटकर दुबई में बैठे गिरोह के सरगना को भेज देते थे। वहीं महाराष्ट्र के नागपुर में रहने वाला पिन्टू सुरेश सिंह बैस भी लोगों के बैंक खाते खरीदकर उसी ठग के खातों में राशि भेजता था। पिन्टू गढ़चिरौली के थामस गणेश शेडमाके से भी खाता खरीदता था, पुलिस ने उसको भी गिरफ्तार किया है।

दुबई से नबील नाम का व्यक्ति चला रहा है नेटवर्क

आरोपितों ने बताया कि वे दुबई में रहने वाले नबील के लिए काम करते थे और टेलीग्राम के जरिए उसके संपर्क में आए थे। नबील दुबई से एक कॉल सेंटर संचालित करता था, जहां भारत में बैठे लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया जाता था।

खातों में डालते थे कम राशि बंगाल और महाराष्ट्र से गिरफ्तार शातिर आरोपित पुलिस को गुमराह करने के लिए ठगी की राशि के एक छोटे से भाग को कई लेयर में फैला देते थे। ताकि पुलिस गुमराह हो सके। शातिर ठग 15 से 20 खातों में 100 रुपये भेजते थे ताकि पुलिस को उन तक पहुंचने से पहले उन 20 खाता धारकों से होकर गुजरना पड़े।

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