वक्फ के खिलाफ मुर्शिदाबाद में नहीं थम रही हिंसा ?
वक्फ के खिलाफ मुर्शिदाबाद में नहीं थम रही हिंसा, उग्र भीड़ ने पिता-पुत्र को मार डाला, इलाके में तनाव
मुर्शिदाबाद में वक्फ भूमि को लेकर जारी हिंसा में एक और दर्दनाक घटना सामने आई है जहां एक पिता और पुत्र की हत्या कर दी गई. शमशेरगंज में हुई इस घटना ने क्षेत्र में दहशत फैला दी है. प्रदर्शनकारियों द्वारा लूटपाट और तोड़फोड़ की खबरें भी आ रही हैं. पुलिस ने मौके पर भारी संख्या में बल तैनात किया है और मामले की जांच कर रही है.

मुर्शिदाबाद में वक्फ के विरोध में हिंसा नहीं थम रही है. जंगीपुर, सुती, धुलियान, शमशेरगंज और जाफराबाद में प्रदर्शनकारियों का तांडव जारी है. इस बीच, अशांत मुर्शिदाबाद में पिता और पुत्र की ‘हत्या’ कर दी गई. घर से रक्तरंजित शव बरामद हुआ. अपराधियों पर धारदार हथियार से वार कर हत्या का आरोप लगाया गया है. यह घटना शनिवार को शमशेरगंज में घटी. इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. इस घटना से क्षेत्र में व्यापक उत्तेजना फैल गई.
बताया जा रहा है कि उनके शरीर पर चोट के निशान हैं. इस बीच, परिवार ने शिकायत की कि बार-बार पुलिस को फोन करने के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका. खबर मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गये. वे सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं.
पुलिस की गोली लगने से घायल युवक की मौतमृतक पिता-पुत्र के नाम हरगोविंद दास (74) और चंदन दास (40) हैं. सुती के साजुर चौराहे पर कल गोली लगने से घायल हुए एक किशोर की मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई. मृतक युवक का नाम एजाज अहमद (21) है। शव को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रखा गया है. मृतक युवक का घर साजुर मोड़ काशिमनगर इलाके में है.
ममता बनर्जी पर चले मुकदमा: अमित मालवीय
भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि कल रात ममता बनर्जी के हत्यारे मुस्लिम गुंडों ने धुलियान, शमशेर गंज, जाफराबाद में पिता और पुत्र, हरगोविंद दास और चंदन दास की हत्या कर दी.
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के हाथों इन निर्दोष हिंदुओं और कई अन्य लोगों का खून लगा है, जिन्होंने अपनी जान और आजीविका खो दी है. इन आपराधिक कृत्यों के लिए उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
सुकांत मजूमदार ने ममता ने पूछे सवालप्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने मुर्शिदाबाद में हिंसा को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों में कट्टरपंथी द्वारा निर्दोष पर किए गए क्रूर उत्पीड़न के बाद भी आपकी लंबी चुप्पी ने पश्चिम बंगाल के हर बंगाली के दिल में डर पैदा कर दिया है.
Even after the brutal persecution of innocent Hindus by fundamentalist jihadists in various parts of Murshidabad, your prolonged silence has instilled fear in the hearts of every Bengali Hindu in West Bengal. Just as in the recent past, you misled the minority community during https://t.co/UCbOBMqHhz
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) April 12, 2025
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आपने पिछले दिनों CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के दौरान लगातार भड़काऊ टिप्पणियों से अल्पसंख्यक समुदाय को गुमराह किया, आंदोलन को पूर्ण हिंसा में बदल दिया, उसी प्रकार आप एक बार फिर ‘आग में घी डालने’ का काम कर रहे हैं. इसलिए, विपक्ष के खिलाफ आपके द्वारा लगाए गए उकसावे के आरोप यहां टिक नहीं पाते! इसके विपरीत, पश्चिम बंगाल के बंगाली के बीच इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि यह अराजकता पूरी तरह से आपके निर्देशन में हुई है.
1. आपकी प्रत्यक्ष अनुमति के बिना, वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ कोलकाता में अल्पसंख्यकों की इतनी बड़ी सभा कभी नहीं हुई होती.
2. आपके कैबिनेट मंत्री, सांप्रदायिक नेता सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने मंच से सार्वजनिक रूप से कहा कि आप भीड़ की संख्या देखकर प्रसन्न हैं. वास्तव में, आपके कार्यालय ने इस विशाल सम्मेलन के लिए बधाई भी भेजी है.
3. आपके कैबिनेट मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने सार्वजनिक रूप से कोलकाता को ठप्प करने की बात कही. उन्होंने सबसे पहले ‘जिला टाइट’ (शटडाउन) की बात कही. क्या आपने कोई कार्रवाई की?
4. उत्तर कोलकाता में @KolkataPolice के सामने एक निर्दोष बस ड्राइवर को बस से हिंदुओं का पवित्र भगवा झंडा उतारने के लिए मजबूर किया गया. इतनी बड़ी सांप्रदायिक घटना के बाद भी, क्या आपने राज्य के गृह मंत्री के रूप में कोई कार्रवाई की?
सुकांत ने सीएम ममता का मांगा इस्तीफाउन्होंने कहा किजैसे सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान आपने अल्पसंख्यक समुदाय को भ्रमित किया और आंदोलन को हिंसक बना दिया. यद्यपि राज्य के विभिन्न भागों में भारी विनाश हुआ था, फिर भी आपने अपने निर्देश के तहत पुलिस बल को पंगु बना दिया. इस बार भी आप राज्य में अशांति और अराजकता पैदा करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को उसी तरह गुमराह कर रहे हैं, जिसके परिणाम मुर्शिदाबाद, नदिया और दक्षिण 24 परगना में स्पष्ट हैं.
उन्होंने कहा कि किसी केंद्रीय कानून का विरोध करना देश के संविधान और संप्रभुता के प्रति पूर्ण अनादर दिखाने के समान है, लेकिन एक राज्य के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में भारत के संविधान को बनाए रखने की शपथ लेने के बावजूद, आपने इस तरह के गैरकानूनी और स्पष्ट रूप से असंवैधानिक कार्यों में संलग्न होने का साहस किया है. अब आपको मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है!