Study Tips: ज्यादातर स्कूलों में बच्चों को गर्मियों की छुट्टियां मिल चुकी हैं, ऐसे में यह समय उनके लिए मौज-मस्ती और आराम का होता है, लेकिन यही समय उन्हें सीखने और खुद को बेहतर बनाने का भी बेहतरीन मौका देता है। अक्सर छुट्टियों के दौरान पढ़ाई से दूरी होने पर बच्चे अपनी आदतें और लय खो बैठते हैं। ऐसे में अगर थोड़े से स्मार्ट तरीकों से पढ़ाई को हल्के-फुल्के अंदाज़ में नियमित रखा जाए, तो न केवल उनका ज्ञान बढ़ेगा, बल्कि अगली कक्षा की तैयारी भी मजबूत होगी।
सांकेतिक तस्वीर – फोटो : freepik
एक संतुलित टाइम टेबल तैयार करें
बच्चों को अनुशासन की आदत डालने के लिए एक स्पष्ट और संतुलित टाइम टेबल बहुत मददगार होता है। इसमें पढ़ाई, खेल, आराम और क्रिएटिव गतिविधियों का संतुलन होना चाहिए ताकि बच्चा मानसिक रूप से थका नहीं बल्कि प्रेरित महसूस करे।
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पढ़ाई को मजेदार बनाएं
बच्चों को वही चीजें पसंद आती हैं जो उन्हें उत्साहित करें। पढ़ाई को खेलों, कहानियों, क्विज और विजुअल लर्निंग के जरिये रोचक बनाएं। इससे उनका ध्यान पढ़ाई में बना रहेगा और वे बिना दबाव के सीखने लगेंगे।
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छोटे लक्ष्य तय करें, बड़ी सफलता पाएं
बड़े-बड़े अध्यायों को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट दें। जब बच्चा छोटे लक्ष्यों को पूरा करता है, तो उसे सफलता की भावना मिलती है और यह आगे पढ़ने की प्रेरणा देता है।
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नियमित दोहराव (Revision) की आदत डालें
बच्चे जो भी पढ़ते हैं, उसे लंबे समय तक याद रखने के लिए समय-समय पर दोहराना बहुत जरूरी है। नियमित या साप्ताहिक रिवीजन से न केवल उनकी याददाश्त तेज होती है, बल्कि यह उन्हें अगली बार पढ़ाई के लिए भी मानसिक रूप से तैयार रखता है।
सवाल पूछने की आजादी दें
बच्चा जब सवाल करता है, तो वह सोचता है। उसे खुलकर सवाल पूछने के लिए प्रेरित करें। सवाल पूछना सीखना, सीखने की पहली सीढ़ी है।
टेक्नोलॉजी का हो स्मार्ट इस्तेमाल
मोबाइल या टैबलेट को केवल गेम खेलने तक सीमित न रखें। एजुकेशनल वीडियो, ई-बुक्स और लर्निंग ऐप्स से बच्चे को आधुनिक तरीकों से पढ़ाई कराएं जो उसे और आकर्षित करें।
पढ़ाई के लिए एक शांत और प्रेरणादायक कोना चुनें
एक साफ-सुथरी, शांत और पॉजिटिव एनर्जी वाली जगह बच्चे के मन को स्थिर करती है। वहां एक छोटी टेबल, कुछ प्रेरणादायक उद्धरण और रोशनी का अच्छा इंतजाम हो तो पढ़ाई में मन लगने लगता है।
सराहना करें, आलोचना नहीं
बच्चे की हर छोटी सफलता को मान्यता दें। “तुमने बहुत अच्छा किया”, “मुझे तुम पर गर्व है” जैसे शब्द उसके मन में आत्मविश्वास भरते हैं और उसे बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।
सेहतमंद शरीर में ही तेज दिमाग रहता है
संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और थोड़ी शारीरिक गतिविधि- ये सब बच्चे की मानसिक क्षमता को बेहतर बनाते हैं। जब शरीर स्वस्थ होता है, तब दिमाग भी बेहतर तरीके से काम करता है।
खुद बनें आदर्श
बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं। अगर आप किताबों को महत्व देते हैं, समय का पालन करते हैं, और सीखने के प्रति उत्साहित रहते हैं- तो बच्चा भी वही आदतें अपनाएगा।