भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारियों पर नकेल कसेगी मोदी सरकार, सभी विभागों से मांगा सर्विस रिकॉर्ड
केंद्र सरकार अपने भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का मूड बना चुकी है. इसी कड़ी में कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, केंद्र ने अपने सभी विभागों को ऐसे कर्मचारियों की सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा करने को कहा है.
इस आदेश के तहत इन अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचारों के आरोपों की जांच होगी और इसके बाद जो कर्मचारी अयोग्य और भ्रष्ट पाए जाएंगे, उन्हें रिटायर करने के लिए कहा जाएगा.
फंडामेंटल रूल के तहत होती है सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा
मालूम हो कि सरकारी कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा फंडामेंटल रूल के तहत की जाती है, जिसमें सरकार को सार्वजनिक हित में सरकारी कर्मचारियों को रिटायर करने का पूरा अधिकार है.
शुक्रवार को जारी इस आदेश में कहा गया है, “यह स्पष्ट किया गया है कि इन नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों की समय से पहले सेवानिवृत्ति एक दंड नहीं है. यह ‘कंपल्सरी रिटायरमेंट’ से अलग है, जो केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के तहत निर्धारित दंडों में से एक है.”
इसमें कहा गया है कि सरकार किसी भी समय 50-55 साल की उम्र के सरकारी कर्मचारी या 30 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी को, जैसा भी मामला हो, समय से पहले उसे सार्वजनिक हित में रिटायर कर सकती है.
समय-समय पर होती है सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच
मंत्रालय ने कहा कि समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समय-समय पर समीक्षा के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें सेवा में बनाए रखा जाना चाहिए या समय से पहले रिटायर होना चाहिए.
कर्मचारियों के लिए बनाए जाए एक रजिस्टर
कार्मिक मंत्रालय ने सभी विभागों से इस तरह की समीक्षा करने के लिए एक रजिस्टर बनाए रखने के लिए भी कहा है. मंत्रालय ने कहा, “50/55 साल के कर्मचारी या 30 साल की सेवा पूरी करने के वाले सरकारी सेवकों का एक रजिस्टर रखा जाना चाहिए. मंत्रालय / विभाग / संवर्ग में एक वरिष्ठ अधिकारी हर तिमाही की शुरुआत में इस रजिस्टर की जांच करेगा.”