क्या कार का मॉडर्न फीचर ADAS आपकी सुरक्षा के लिए है खतरा?

ADAS: क्या कार का मॉडर्न फीचर ADAS आपकी सुरक्षा के लिए है खतरा? इस अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
मॉडर्न पैसेंजर व्हीकल्स (यात्री वाहनों) में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) टेक्नोलॉजी सूट का इस्तेमाल बढ़ रहा है। लेकिन क्या यह आपकी सुरक्षा को बढ़ाता है? एक अध्ययन में इसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
मॉडर्न पैसेंजर व्हीकल्स (यात्री वाहनों) में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) टेक्नोलॉजी सूट का इस्तेमाल बढ़ रहा है। कार निर्माता अपने वाहनों में ADAS को एक प्रमुख फीचर के तौर पर पेश कर रहे हैं। उनका दावा है कि ये एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सुरक्षित ड्राइविंग में मदद करती हैं। हालांकि, इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाइवे सेफ्टी (IIHS) द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि ADAS वास्तव में सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। इस धारणा के उलट कि यह वाहन और उसके रहने वालों की सुरक्षा को बढ़ाता है। 

अध्ययन से पता चला है कि ADAS से लैस वाहनों के ड्राइवर खाने या फोन का इस्तेमाल करने जैसे ध्यान भटकाने वाले कामों में जल्दी दिलचस्पी लेने लगते हैं, जब ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम एक्टिव होता है। IIHS का दावा है कि उसने वोल्वो के पायलट असिस्ट का इस्तेमाल करने वाले 29 ड्राइवरों और टेस्ला ऑटोपायलट का उपयोग करने वाले 14 ड्राइवरों की निगरानी की है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि ड्राइवरों ने ध्यान भटकने पर अलर्ट देने वाली टाइमिंग को जल्दी से सीख लिया। जिससे टेक्नोलॉजी को धोखा दिया जा सके और वह यह सोचे कि ड्राइवर सड़क पर पूरा ध्यान दे रहे हैं।
Advanced Driver Assistance Systems ADAS Feature in Car safety Issue claims this study
ADAS Technology – फोटो : Freepik
शोध के नतीजों के बारे में बताते हुए, IIHS ने कहा कि वोल्वो के पायलट असिस्ट आंशिक ऑटोमेशन सिस्टम का इस्तेमाल करते समय ड्राइवरों द्वारा अपने फोन की जांच करने, खाने या अन्य विजुअल मैनुअल गतिविधियों को करने की संभावना बिना सहायता के ड्राइविंग करने की तुलना में बहुत अधिक थी। इसने यह भी कहा कि जब एजेंसी ने टेस्ला ऑटोपायलट यूजर्स की जांच की, तो अध्ययन में पाया गया कि ऑटोपायलट के साथ प्रति 1,600 किलोमीटर की यात्रा पर शुरुआती अटेंशन रिमाइंडर की दर कुछ महीने के दौरान 26 प्रतिशत बढ़ गई।
इससे पता चला कि जैसे-जैसे ड्राइवर सिस्टम से ज्यादा परिचित होते गए, वे खुद को अधिक विचलित होने दे रहे थे। इन दोनों अध्ययनों में, यह पाया गया कि जब ड्राइवर-सहायता प्रणाली लगी हुई थी, तो ड्राइवर सड़क पर ध्यान नहीं दे रहे थे और वे गैर-ड्राइविंग अन्य गतिविधियां कर रहे थे। 
हालांकि ये शोध अमेरिका में किए गए थे, लेकिन यह सिद्धांत दुनिया के अन्य क्षेत्रों की कारों पर भी लागू होता है। ADAS वाली कारों में बढ़ोतरी देखने वाले देश के रूप में भारत भी इसी श्रेणी में आता है। 

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