ऑफिस में बैठे-बैठे भी हो सकते हैं फेफड़ों की बीमारियों के शिकार ?
ऑफिस में बैठे-बैठे भी हो सकते हैं फेफड़ों की बीमारियों के शिकार, जान लीजिए इसकी वजह

शोध बताते हैं कि धूम्रपान फेफड़ों की ज्यादातर बीमारियों के लिए प्रमुख कारण है। फेफड़ों के कैंसर से होने वाली 80% मौतें धूम्रपान से ही संबंधित पाई जाती हैं। इसी तरह से वायु प्रदूषण, विशेषतौर पर इनडोर प्रदूषण भी इस महत्वपूर्ण अंग के लिए खतरनाक हो सकता है।
डॉक्टर बताते हैं, बाहरी प्रदूषण की तरह खराब इनडोर वायु गुणवत्ता भी फेफड़ों की गंभीर समस्याओं, अस्थमा-ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है। अगर आपके घर-ऑफिस में वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था नहीं है तो ये फेफड़ों के लिए नुकसानदायक स्थिति हो सकती है। ऑफिस में बैठे-बैठे भी आप फेफड़ों के रोग के शिकार हो सकते हैं।
फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे संबंधित बीमारियों की रोकथाम को लेकर हर साल 25 सितंबर को वर्ल्ड लंग्स डे यानी विश्व फेफड़ा दिवस मनाया जाता है। आइए इनडोर प्रदूषण और इसके कारण होने वाली दिक्कतों को समझते हैं।

ज्यादातर ऑफिस कांच के शीशों और एयर कंडीशन से पैक होते हैं, लिहाजा इमारतों में उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था का अभाव हो सकता है। इसकी वजह से बंद कमरों में ताजी हवा नहीं आ पाती और न ही अंदर की हवा बाहर जा पाती है। इस तरह की स्थितियों में न सिर्फ श्वसन संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है, साथ ही इससे दीर्घकालिक तौर पर फेफड़ों को भी क्षति पहुंच सकती है।
चूंकि अधिकतर लोग अपने दिन का ज्यादातर समय ऑफिस में ही बिताते हैं, ऐसे में इनमें फेफड़ों की समस्याओं का जोखिम और अधिक हो सकता है।

श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ अमित प्रकाश बताते हैं, खराब या लो-वेंटिलेशन वाली जगहों पर हवा में 100 गुना अधिक सूक्ष्म कण हो सकते हैं। इनडोर वायु प्रदूषकों के संपर्क में रहने के कारण फेफड़ों में संक्रमण जैसे निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ये शरीर पर तत्काल प्रभाव भी पैदा कर सकते हैं जैसे कि आंखों, नाक और गले में जलन, सिरदर्द, चक्कर आना आदि। अस्थमा या अन्य श्वसन समस्याओं से परेशान रोगियों में इनडोर प्रदूषण लक्षणों को और भी खराब कर सकती है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक रिपोर्ट में बताया कि वयस्कों में फेफड़ों के कैंसर से होने वाली लगभग 11% मौतें इनडोर वायु प्रदूषण से उत्पन्न कैंसरकारी तत्वों के कारण होती हैं। इस प्रकार के प्रदूषकों से बचे रहने और अपने स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए घरों में वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था रखना जरूरी है। कमरों में खिड़कियां लगवाएं जिससे बाहर से साफ हवा आ सके और अंदर की हवा बाहर निकल सके।
- घरों की साफ सफाई के लिए हानिकारक रसायन वाले उत्पाद का इस्तेमाल न करें, इससे भी इनडोर प्रदूषण हो सकता है।
- ओजोन युक्त उत्पादों से बचें। इसके अलावा एयर फ्रेशनर और तेज सुगंध वाले उत्पादों का उपयोग भी सीमित करें।
- सभी लोगों को सांस के अभ्यास करना और बाहर खुली हवा में वक्त बिताना बहुत जरूरी है।
नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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