अमेरिका में कोरोना काल के बीच देश का सबसे बड़ा यानी राष्ट्रपति चुनाव (America President Election) होना है. इस बीच प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाने के आरोप लग रहे हैं. मतलब ट्रंप प्रशासन जो नियम बना रहा है, डोनाल्ड ट्रंप खुद उनका पालन ही नहीं कर रहे हैं. पता चला है कि कोरोना संकट को देखते हुए अमेरिका में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में 50 से ज्यादा लोगों को एकजुट होने की इजाजत नहीं है. बावजूद इसके ट्रंप की रैलियों में हजारों की संख्या में लोग होते हैं. Advertisement Powered By ADGEBRA पढ़ें – हमने भारत से ज़्यादा किए कोरोना टेस्ट, PM मोदी ने भी की तारीफ: चुनावी रैली में बोले ट्रंप रैलियों में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं पार्टी दावा करती है कि रैलियों में पूरी सावधानी बरती जा रही है. ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की मानें तो रैली में समर्थक मास्क लगाकर आते हैं, सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता है और तापमान भी चेक किया जाता है. लेकिन सच्चाई जो है वह दावे से उलट है. कई रैलियों और समर्थकों की ऐसी तस्वीरें सामने हैं जिसमें मास्क नदारद है. पढ़ें – ‘हां मैंने कराया था अपने अंकल का मर्डर’, किम जोंग उन ने डोनाल्‍ड ट्रंप के सामने खोला राज! ‘लोग प्रदर्शन कर सकते हैं तो रैली में भी आ सकते हैं’ यह जो ऊपर आप लाइन पढ़ रहे हैं. वह ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के एक प्रवक्ता टिम मुर्तो का बयान है. टिम मुर्तो का कहना है, ‘अगर 10 हजार की संख्या में लोग सड़क पर प्रदर्शन करने उतर सकते हैं. कसीनो में जाकर जुआ खेल सकते हैं, दंगों में छोटे-मोटे कारोबार को जला सकते हैं तो कानून के तहत राष्ट्रपति को सुनने के लिए लोग शांतिपूर्वक जुट भी सकते हैं.’ टिम मुर्तो यहां अश्वेत नागरिकों के खिलाफ हुए पुलिस अत्याचार के बाद हुई रैलियों का जिक्र कर रहे थे.

भारत (India) और चीन (China) के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर गतिरोध जारी है. इसे लेकर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) लोकसभा में बयान देंगे. राजनाथ सिंह दोपहर तीन बजे संसद को बताएंगे कि आखिरकार एलएसी पर वर्तमान हालात क्या हैं. विपक्षी दल चीन को लेकर लगातार केंद्र सरकार को निशाना बनाते रहे हैं. सरकार से बार-बार एलएसी की वास्तविक स्थिति बताने की मांग की जा रही है. सोमवार को भी लोकसभा में विपक्ष के नेता ने चीन मामले को उठाने की कोशिश की.

मालूम हो कि भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव अपने चरम पर है. हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टकराव के दौरान हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगाया था. एलएसी पर 45 साल बाद ऐसा हुआ है जब किसी भी पक्ष की तरफ से गोलियां चलाई गईं हों. इन सबके बीच सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिशें भी जारी हैं.

‘भारतीय सेना के जवानों के पीछे खड़ा है पूरा देश’

संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों के पीछे पूरा देश खड़ा है, यह सदन और सदन के सभी सदस्य एक मजबूत संदेश देंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डंटे हुए हैं, जिस विश्वास के साथ खड़े हुए है, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए है. यह सदन भी, सदन के सभी सदस्य एक स्वर से, एक भाव से, एक भावना से, एक संदेश देंगे कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है.”

प्रश्नकाल स्थगित किए जाने से विपक्ष नाराज

वहीं, लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगित करने के सरकार के फैसले ने सोमवार को मानसून सत्र के शुरुआती दिन विपक्षी दलों के बीच व्यापक नाराजगी पैदा कर दी, जिसमें सांसदों ने कहा कि यह कदम ‘लोकतंत्र का गला घोंटने का’ प्रयास है. विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसी भी प्रकार की जवाबदेही से बचने के लिए कोविड-19 महामारी का उपयोग कर रही है.

लोकसभा में प्रश्नकाल का मुद्दा उठाते हुए, सदन के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “प्रश्नकाल को रद्द करना सांसदों को राष्ट्रीय महत्व के मामले उठाने से रोकने के बराबर है.”

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