विरोध के बीच निगम ने अशोका गार्डन में ढहाया अवैध निर्माण
भोपाल । अशोका गार्डन एरिया स्थित अशोक विहार कॉलोनी में एक चार मंजिला इमारत में बिल्डिंग परमिशन से ज्यादा किया गया निर्माण नगर निगम अतिक्रमण विरोधी अमले ने मंगलवार को ढहा दिया। बिल्डिंग करीब साढ़े चार मीटर आगे तक कब्जा कर बनाई गई थी। इस मिर्माण को निगम अधिकारियों ने जेसीबी और हथौड़ों से न सिर्फ तुड़वाया, वहीं दीवारों और सरियों को कटर से काटकर अलग कर दिया। इधर, बिल्डिंग मालिक ने कार्रवाई रुकवाने को न सिर्फ जमकर हंगामा किया, बल्कि बिल्डिंग परमिशन इंजीनियर से बदसलूकी भी की। इस वजह से कार्रवाई करीब एक घंटे से ज्यादा थमी रही। हालांकि पुलिस की मौजूदगी मौजूदगी में निगम अमले ने बिल्डिंग में किया गया अतिरिक्त निर्माण तोड़ दिया। नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि अशोका गार्डन स्थित अशोक विहार कॉलोनी में मोहम्मद जफर ने जी प्लस थ्री की परमिशन पर बिल्डिंग का निर्माण हाल ही में कराया है। लेकिन निर्माण के दौरान कस्ट्रक्शन निर्धारित सीमा से करीब 4.5 मीटर आगे तक किया गया। बिल्डिंग परमिशन इंजीनियर्स ने जांच की तो बिल्डिंग परमिशन के विरुद्ध निर्माण पाया गया। इसके तहत मंगलवार को कार्रवाई की गई। इधर, कार्रवाई अतिक्रमण अधिकारी कमर साकिब और सहायक अधिक्रमण अधिकारी समीर खान की अगुवाई में की गई। अमला सुबह करीब 11 बजे अवैध निर्माण ढहाने पहुंचा था, लेकिन जैसे ही कार्रवाई शुरू ही बिल्डिंग मालिक विरोध करने लगे। ऐसे में बिल्डिंग परमिशन इंजीनियर जेएस तोमर कार्रवाई रोकने से मना कर दिया, तो वह तोमर से बदसलूकी करने लगे। बिल्डिंग मालिक का कहना था कि तुम्हें सिर्फ यही बिल्डिंग नजर आ रही है। जबकि चारों तरफ अवैध निर्माण किया गया है, उन्हें क्यों नहीं तोड़ते। हालांकि इस दौरान मौजूद पुलिस बल ने मामला संभाला और कार्रवाई शुरू कराई।
11 घंटे चली अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई
बता दें कि चार मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें और पार्किंग बनाई गई थी। नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले ने दोपहर 12 बजे कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले जेसीबी से दुकानों के शटर उखाड़ दिए गए। इसके बाद अतिरिक्त निर्माण कर प्रत्येक मंजिल पर बनाए गए छज्जों और दीवारों को एकएक कर ढहा दिया गया। अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई रात करीब 11 बजे तक चली। नगर निगम के इंजीनियर्स ने बताया कि जफर खान को 2400 वर्गफीट के प्लॉट पर जी प्लस 3 निर्माण करने की अनुमति निजी आर्किटेक्ट ने जारी की थी। यह मंजूरी भी आवासीय भवन निर्माण के लिए दी गई थी। इसके लिए जरूरी था कि सामने 3.5 मीटर, साइड में 3 मीटर और पीछे 2.5 मीटर मार्जिनल ओपन स्पेस छोड़ा जाना था। लेकिन यहां फ्रंट और साइड एमओएस की जगह न छोड़ते हुए 10 से 12 दुकानें बनाई गई थीं। ऐसे में ग्राउंड फ्लोर से चौथी मंजिल तक अवैध निर्माण किया गया। पूरी बिल्डिंग कॉमर्शियल उद्देश्य से बनाई गई थी।