सिंचाई टैक्स: बकाया 503 करोड़, वसूल हो सके सिर्फ 80 करोड़ रु.
भोपाल। प्रदेश में किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने पर लगने वाले टैक्स की तो सरकार वसूली नहीं कर पा रही हैं, वहीं सरकारी विभाग भी सरकार को पानी का पैसा देने में नानुकर कर रहे हैं। खासकर नगरीय निकाय, ग्राम पंचायतें, उद्योग, पावर प्लांट, एनटीपीसी और किसानों पर बकाया 503 करोड़ के टारगेट के विरुद्ध सिंचाई विभाग मात्र 79 करोड़ की वसूली करने में सफल रहा है। इससे सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। जल संसाधन विभाग किसानों को फसलों की सिंचाई ही नहीं, बल्कि पेयजल के लिए नगरनिगम, नगरपालिका तथा नगर परिषदों सहित ग्राम पंचायतों को भी पानी प्रदाय करता है। साथ ही बिजली पैदा करने वाले सरकारी और गैर पावर प्लांट, एनटीपीसी तथा उद्योगों को भी विभिन्न बांधों से पानी देता है और इसके एवज में विभाग बहुत कम टैक्स की वसूली कर पाता है। इन सभी संस्थानों पर सिंचाई विभाग का एक अप्रैल 2020 की स्थिति में 453 करोड़ 36 लाख रुपए बकाया था और इस साल वसूली के लिए 65.54 करोड़ का टारगेट तय किया गया है, जिसमें से 18.35 करोड़ रुपए ही वसूल सका है। यानी कुल टारगेट का मात्र 36 प्रतिशत। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी विभाग ही सरकार को पानी के टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इससे सरकार को नए प्रोजेक्ट प्रारंभ करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।