डॉनल्ड ट्रंप ने नहीं छोड़ा White House तो क्या होगा, क्या US Army कराएगी खाली?

वाशिंगटन: अमेरिका में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन, बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। वोटों की गिनती में जो बायडेन, प्रेसिडेंट ट्रंप से आगे निकल गए हैं, तो ट्रंप काउंटिंग के ख़िलाफ़ कोर्ट पहुंच गए हैं और अब चुनाव का फ़ैसला कोर्ट से कराने की धमकी दे रहे हैं। बदलते हालात में जब सीक्रेट सर्विस ने जो बायडेन की सुरक्षा बढ़ाई, तो मैसेज क्लियर हो गया कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति शायद जो बायडेन ही होंगे। ऐसे में दुनिया सवाल पूछ रही है कि हारने पर भी ट्रंप ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा?

चुनाव जीतने की हड़बड़ी में डॉनल्ड ट्रंप बहुत बड़ी गड़बड़ी कर बैठे हैं। शुक्रवार तड़के क़रीब साढ़े पांच बजे ट्रंप प्रेस कांफ्रेंस के लिए सामने आए, तो उन्होंने अपने ही देश की चुनावी व्यवस्था को फ़र्ज़ीवाड़ा कह दिया। नतीजा ये हुआ कि अमेरिका के चैनलों ने अपने प्रेसिडेंट की प्रेस कांफ्रेंस बीच में ही रोक दी। ट्रंप ने जैसे ही चुनाव में धोखाधड़ी का इल्ज़ाम लगाना शुरू किया, अमेरिका के कई बड़े न्यूज़ चैनल ने उसका लाइव प्रसारण रोक दिया। चैनलों ने सीधे सीधे ट्रंप पर झूठ बोलने का इल्ज़ाम लगाया। जिस चुनाव में ट्रंप की हार क़रीब क़रीब तय दिखने लगी है, उसे जीतने के लिए डॉनल्ड ट्रंप किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

एक तरफ़ डॉनल्ड ट्रंप जीत की हड़बड़ी में गड़बड़ी पर गड़बड़ी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ डेमोक्रेटिक कैंडीडेट, जो बायडन, बिल्कुल शांत और सहज दिख रहे हैं। बायडेन न ख़ुद किसी हड़बड़ी में हैं, और न ही वो अपने समर्थकों को सब्र खोने देना चाहते हैं इसीलिए, गुरुवार को ट्रंप की प्रेस कांफ्रेंस से पहले ही, बायडेन ने अपनी रनिंग मेट कमला हैरिस के साथ, अपने समर्थकों से अपील की कि वो धैर्य बनाए रखें। इस चुनाव को कोई चुरा नहीं सकता। राष्ट्रपति ट्रंप भी नहीं।

बायडेन की जीत लगभग कन्फर्म होने के संकेत तब और मज़बूत हो गए, जब अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने जो बायडेन की सिक्योरिटी बढ़ाने का फ़ैसला किया। अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक़, यूएस सीक्रेट सर्विस ने जो बायडेन की सिक्योरिटी बढ़ाने का फ़ैसला किया है। उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार रात कुछ बैटलग्राउंड स्टेट्स के नतीजे क्लियर होने पर बायडेन एक्सेप्टेंस स्पीच यानी जीत का एलान करने वाला भाषण दे सकते हैं। उससे पहले उनकी सिक्योरिटी बढ़ाई जा रही है।

इन सबके बीच बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि अगर ट्रंप ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा? आम तौर पर परंपरा रही है कि मतदान वाली रात तक, हारने वाले अमेरिकी नेता अपने समर्थकों के बीच Concession स्पीच यानी हार स्वीकार करने वाला भाषण देते हैं। इसके बाद वो जीतने वाले अपने विरोधी को फ़ोन करके बधाई देते हैं। अमेरिका में चुनाव नवंबर में होता है, तो नए राष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ लेते हैं।

अब चूंकि नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण क़रीब ढाई महीने बाद होता है, तो इस दौरान हारने वाले राष्ट्रपति, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की टीम के साथ मिलकर काम करता है ताकि सत्ता का हस्तांतरण सामान्य रूप से हो जाए लेकिन, जो हार स्वीकार कर ले वो डॉनल्ड ट्रंप ही क्या। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप बार-बार ये दोहराते रहे हैं कि वो व्हाइट हाउस में ही रहेंगे क्योंकि चुनाव वो ही जीतेंगे और अब वो चुनाव के मामले को अदालत तक ले जाने की बातें कर रहे हैं। वो विरोधियों ही नहीं, उन राज्यों के गवर्नरों को भी धमका रहे हैं, जहां उनकी चेतावनी के बावजूद वोटों की गिनती जारी है।

डॉनल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति की कुर्सी का, व्हाइट हाउस का इतना लालच है कि वो किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। नतीजों से पहले जीत डिक्लेयर कर दी, फ़र्ज़ीवाड़े का आरोप लगा दिया और अब सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार हैं। उन्हें शायद इस बात का पहले से ही अंदाज़ा था कि इस बार राष्ट्रपति चुनाव का विवाद अमेरिका की सर्वोच्च अदालत तक जाएगा और चुनाव से पहले ही ट्रंप ने इसकी मोर्चेबंदी कर ली थी लेकिन, ट्रंप के पास ठोस तर्क हैं नहीं।

अमेरिका ने अपने लोकतांत्रिक इतिहास में कई बार ऐसे मौक़े देखे हैं, जब राष्ट्रपति चुनाव में दो उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर हुई। राष्ट्रपति के चुनाव में देर हुई, मगर, इस बार किसी को अंदाज़ा ही नहीं कि ट्रंप क्या करेंगे? डॉनल्ड ट्रंप का नेचर बिल्कुल ही अनप्रिडिक्टेबल है। वो कब क्या करेंगे कुछ पता नहीं। वैसे तो अमेरिकी इतिहासकार, क़ानून के एक्सपर्ट और राजनीतिक विश्लेषक इस संभावना से इनकार करते हैं कि ट्रंप इस हद तक जाएंगे, लेकिन ऐसा होता है, तो भी उसके लिए प्रक्रिया, अमेरिकी संविधान में तय है।

6 जनवरी को अमेरिकी संसद औपचारिक रूप से नए राष्ट्रपति के चुनाव पर मुहर लगा देगी, यानी उससे पहले सभी क़ानूनी विवादों का निपटारा हो चुका होगा। अमेरिकी संविधान के मुताबिक़, 20 जनवरी 2021 को पुराने राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और नए राष्ट्रपति, शपथ लेंगे। संविधान के मुताबिक़ नए राष्ट्रपति को कोई भी शपथ दिला सकता है। शपथ ग्रहण के बाद हर अमेरिकी अधिकारी, सीक्रेट सर्विस और मिलिट्री केवल नए राष्ट्रपति के प्रति जवाबदेह होगी और नए राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस पहुंचते ही अधिकारी और सीक्रेट सर्विस ज़रूरत पड़ने पर पुराने राष्ट्रपति को बाहर करके, व्हाइट हाउस को नए राष्ट्रपति के हवाले कर देंगे इसलिए, ट्रंप अगर हार के बाद भी व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार करते हैं तो उन्हें बड़ा बेआबरू होकर वहां से जाना होगा।

 

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