बिहार के बाद पश्चिम बंगाल पर बीजेपी का पूरा फोकस, गुजरात बनाने के वादे पर संग्राम
बिहार चुनाव और त्योहारों के संपन्न होने के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पूरा फोकस अब पश्चिम बंगाल पर है। 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अभी से ही प्रचार में ताकत झोंक दी है। एक तरफ बीजेपी ने पिछले कुछ सप्ताह में कई संगठनात्मक बदलाव किए हैं तो एक के बाद एक पार्टी के बड़े नेता सूबे में पहुंचकर महासमर की तैयारी को धार दे रहे हैं। इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने वादा किया है कि यदि पार्टी सत्ता में आई तो पश्चिम बंगाल को गुजरात की तरह बनाया जाएगा। वहीं, टीएमसी ने कहा कि वहां एनकाउंटर्स में लोगों की हत्या की जाती है।
भगवा पार्टी के बंगाल यूनिट के नेता भी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लगातार आक्रामकता बढ़ा रहे हैं। आने वाले दिनों में प्रचार अभियान और तेज हो सकता है। हाल ही में बीजेपी के सह प्रभारी बनाए गए आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय सोमवार को पश्चिम बंगाल पहुंचे। पार्टी के नेता मालवीय की नियुक्ति को इस बात की ओर इशारा मानते हैं कि विधानसभा चुनाव की जंग सोशल मीडिया पर भी आक्रामक तरीके से लड़ी जाएगी। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष भी मंगलवार को राज्य में पहुंच रहे हैं। वह कई बैठकें करने वाले हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ”बंगाल में लड़े गए पिछले 2-3 चुनावों में मालवीय ने सोशल मीडिया और आईडी रणनीतियों को मैनेज किया। वह बंगाल के मुद्दों से अवगत हैं। उनका आगमन पार्टी की राज्य ईकाई के आईटी विंग को और मजबूत करेगा। संतोष भी कुछ बैठकें लेने आ रहे हैं।”
इससे पहले नवंबर में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पार्टी संगठन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर आए थे। शाह ने इस पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरा और 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया है। शाह के दौरे के बाद बंगाल में जिला युवा नेताओं की लिस्ट जारी कर दी गई है।
सोमवार को बीजेपी नेता दिलीप घोष ने टीएमसी पर तीखे हमले करते हुए कहा कि बीजेपी का लक्ष्य़ बंगाल को गुजरात बनाने है। घोष ने कहा, ”बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई बार कहती हैं कि बंगाल को गुजरात बनाने की कोशिश है। मैं कहूंगा कि यह 100 फीसदी सच है। हम बंगाल को गुजरात में बदल देंगे। अभी बंगाल के लोगों को रोजगार के लिए गुजरात जाना पड़ता है। आने वाले सालों में लोगों को गुजरात नहीं जाना होगा। उन्हें बंगाल में ही रोजगार मिलेगा।”
टीएमसी के नेताओं ने भाजपा की यह कहते हुए आलोचना की कि गुजरात और उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ों की तस्वीरें आती हैं। टीएमसी नेता और ममता बनर्जी सरकार में मंत्री फरीद हकीम ने कहा, ”गुजरात और उत्तर प्रदेश के साथ समस्या पुलिस एनकाउंटर की है। करीब 2000 लोगों की गुजरात में हत्या हुई। इशरत जहां की तरह कई लोगों को एनकाउंटर्स में मार दिया गया। इसलिए हम नहीं चाहते कि बंगाल गुजरात बने। टाटा की नैनो कार फैक्ट्री भी गुजरात में बंद हो चुकी है।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लिए पहले से काम करते आ रहे लोगों और हाल के वर्षों में टीएमसी आदि पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं में मतभेद ना होने देने और सामंजस्य के लिए केंद्रीय नेतृत्व नजर बनाए हुए है। 2019 में बीजेपी ने 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, पार्टी नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में जीतना आसान नहीं होगा, खासकर पश्चिम बंगाल के 15 दक्षिणी जिलों में, जहां अधिकतर सीटें हैं। शाह के निर्देश पर पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने में जुटी है।