क्या है केरल का साइबर कानून संशोधन विधेयक, पांच साल की जेल के प्रावधान पर क्यों है बीजेपी-कांग्रेस को आपत्ति?

केरल में साइबर क्राइम (Cyber Crime) को रोकने के लिए लाए गए संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर इसे लागू कर दिया. संशोधन अध्यादेश लाने के पीछे केरल सरकार (Kerala Government) का तर्क है कि इससे राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को रोकने में मदद मिलेगी. वहीं, विपक्ष इसका जमकर विरोध कर रहा है. बीजेपी ने केरल पुलिस अधिनियम संशोधन को वापस लेने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय (High Court) का दरवाजा खटखटाया है।

क्या है संशोधन विधेयक?

इस संशोधन अध्यादेश के तहत यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की ऐसी जानकारी भेजता है या बनाता है, जो किसी को अपमानित करने या धमकी देने के इरादे से की गई हो, या फिर कोई अपमानजनक पोस्ट करता है तो इसे गंभीर साइबर क्राइम माना जाएगा. दोषी पाए जाने पर ऐसा करनेवाले व्यक्ति को 5 साल की जेल की सजा या 10 हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है.

सीएम विजयन ने क्या कहा?

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की है कि उनकी सरकार विवादास्पद प्रावधान, केरल पुलिस अधिनियम, 2011 की धारा 118 ए को इसके वर्तमान रूप में लागू नहीं करेगी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की ओर से कहा गया कि सोशल मीडिया के माध्यम से लगाए गए झूठे आरोपों पर अंकुश लगाने के लिए और अन्यथा जो अनिवार्य रूप से व्यक्तियों की स्वतंत्रता और संवैधानिक गरिमा पर सवाल उठाते हैं, उनके लिए केरल पुलिस अधिनियम (118 ए) में संशोधन लाने का निर्णय लिया गया है.

बिना किसी आधार के महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेंडरों के खिलाफ हमले किए जाते हैं और इस वजह से समाज में काफी विरोध पैदा हुआ है. यहां तक ​​कि इस वजह से पीड़ितों को आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठाना पड़ा है. मीडिया मालिकों ने भी इस तरह के हमलों के खिलाफ कुछ कानून बनाने का अनुरोध किया था और ऐसा संशोधन लाने का संदर्भ दिया था.

बीजेपी और कांग्रेस को है आपत्ति?

कहा जा रहा है कि इस केरल पुलिस अधिनियम संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को मजबूत किया गया है. केरल बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने उच्च न्यायालय से मांग की है कि इस अधिनियम संशोधन को खारिज किया जाए. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने इसपर आपत्ति जताई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर तथाकथित भड़काऊ आपत्तिजनक पोस्ट करने के कारण पांच साल की सजा के नियम से आश्चर्य में हूं.’ फिलहाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की है कि उनकी सरकार विवादास्पद प्रावधान, केरल पुलिस अधिनियम, 2011 की धारा 118 ए को इसके वर्तमान रूप में लागू नहीं करेगी.

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