बिहार के बाद अब बंगाल चुनाव में आया कोरोना वैक्सीन
अभी कोरोना वैक्सीन बाजार में आयी भी नहीं है. लेकिन इस पर राजनीति (Politics) शुरू हो गई है. बिहार चुनाव (Bihar Assembly Election) में बीजेपी (BJP) द्वारा कोरोना वैक्सीन निःशुल्क (Free) देने का वादा किए जाने का बाद अब विधानसभा चुनाव के पहले बंगाल (Bengal) में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है. सोमवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन (Injection) को लेकर नाटक खेला जा रहा है.
आज इंजेक्शन की बात कहेंगे और देंगे छह-सात महीने बाद. दूसरी ओर, बीजेपी ने भी रूस के कोविड-19 के संभावित टीके “स्पुतनिक वी” (Sputanic V) के दूसरे चरण का क्लिनीकल परीक्षण बंगाल में नहीं होने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. बता दें कि मंगलवार को कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वर्चुअल बैठक बुलाई है. यह बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होगी. सीएम ममता बनर्जी भी अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम की इस बैठक में शामिल होंगी.
क्या बोलीं ममता बनर्जी
सीएम ममता बनर्जी ने बांकुड़ा (Bakura) की सभा में कहा कि केंद्र सरकार कोरोना का बिना पैसा इलाज भी नहीं करने दे रही है. ममता बनर्जी ने कहा इंजेक्शन को लेकर नाटक किया जा रहा है. इंजेक्शन की बात अभी बोलेंगे और इंजेक्शन आते-आते छह-आठ माह हो जाएंगे. यदि हम एक कोविड केस में एक लाख से दो लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं, तो इंजेक्शन हम भी दे सकते हैं.
कहा कि केंद्र बताए कि हमें किससे टीका खरीदना है. अगर केंद्र सरकार मदद करती है तो राज्य सरकार तैयार है. कोविड में एक इंजेक्शन में 25 हजार रुपये लगते हैं. प्रवासी श्रमिक बाहर से लाए गए हैं. बंगाल में लगभग 300 ट्रेन आई. हमने सभी का किराया दिया, लेकिन बंगाल को बदनाम किया जाता है.
वैक्सीन ट्रायल से भी वंचित रहा बंगालः BJP
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के BJP अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के लोग वैक्सीन परीक्षण के ट्रायल से भी वंचित रह गए. राज्य सरकार की अक्षमता के कारण बंगाल के लोग रूस के कोविड-19 के संभावित टीके “स्पुतनिक वी” के दूसरे चरण का क्लिनीकल परीक्षण में शामिल नहीं हो पाए. जिस तरह से आयुष्मान भारत, कृषक सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं से बंगाल के लोग वंचित रह गए हैं. उसी तरह से अब वैक्सीन के परीक्षण से भी बंगाल के लोग वंचित रह गए.
इसके लिए पूरी तरह से ममता सरकार जिम्मेदार है. बता दें कि यह परीक्षण उत्तर 24 परगना के सरकारी “कॉलेज ऑफ मेडिसन एंव सागर दत्ता अस्पताल” (सीएमएसडीएच) में इस हफ्ते के अंत में होना था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण परीक्षण नहीं हो सका है.