किसानों का भारत बंदः कांग्रेस समेत 15 से ज्यादा दलों ने दिया समर्थन, जानिए कौन−कौन हैं शामिल

किसान 11 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रहने के बाद अखिल भारतीय किसान संघ ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.

प्रमुख विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’को अपना समर्थन दिया है.कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन व गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर किसान संगठनों द्वारा बुलाये गये ‘भारत बंद’का समर्थन किया और केंद्र पर प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को मानने के लिये दबाव बनाया. करीब 15 से ज्यादा दलों ने किसानों के बंद को समर्थन देने का फैसला किया है. समर्थन देने वाले दलों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. साथ ही प्रदर्शनकारियों की जायज मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र पर दबाव भी डाला है. वहीं शिवसेना ने भी किसानों के भारत बंद को अपना समर्थन दिया है. पार्टी नेता संजय राउत ने ट्वीट कर समर्थन देने की बात कही. विपक्षी दलों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन करने की बात कही है.

बता दें कि किसान पिछले 11 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. इस बीच, सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रहने के बाद अखिल भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा, ‘आठ दिसंबर को जोरदार तरीके से भारत बंद होगा.’

किसानों ने भारत बंद में सभी वर्गों से किया अधिकतम भागीदारी का आह्वान
केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए सिंघू बार्डर पर डेरा डाले हुए किसानों ने आठ दिसंबर को बुलाये गये भारत बंद में सभी वर्गों से अधिकतम भागीदारी का रविवार को आह्वान करते हुए कहा कि गुजरात से 250 से अधिक किसान इस आंदोलन से जुड़ने के लिए पहुंचेंगे. सीमा पर किसान नेताओं ने कई राजनीतिक दलों द्वारा व्यक्त किये गये समर्थन का स्वागत किया और अन्य सभी से आगे आने एवं मंगलवार के ‘भारत बंद’ का समर्थन करने का आह्वान किया.

किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में आठ दिसंबर को जगह-जगह प्रदर्शन करेगी कांग्रेस

कांग्रेस समेत राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के अलावा कई केंद्रीय मजदूर संगठनों ने किसानों के ‘भारत बंद’के आह्वान को समर्थन देने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को आहूत ‘भारत बंद’को कांग्रेस ने रविवार को पूरा समर्थन जताया और घोषणा की कि इस दिन वह किसानों की मांगों के समर्थन में सभी जिला एवं राज्य मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी.

कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि आठ दिसंबर को पूरी ताकत के साथ ‘भारत बंद’ किया जाएगा. यहां कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “मैं यहां घोषणा करना चाहता हूं कि कांग्रेस आठ दिसंबर को होने वाले भारत बंद को पूरा समर्थन देती है.”

टीएमसी एवं वामदलों का किसानों के ‘भारत बंद’को ‘नैतिक समर्थन’

उधर, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आठ दिसम्बर को बुलाये गये ‘भारत बंद’ को अपना ‘नैतिक समर्थन’ देने का फैसला किया है. साथ ही पार्टी ने किसानों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए तीन दिनों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विरोध-कार्यक्रम आयोजित करेगी.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि बंगाल में अपने विरोध कार्यक्रमों के दौरान उनकी पार्टी कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग करेगी. पार्टी की मांग है कि सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद नये विधेयकों को संसद की स्थायी समिति या प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए. माकपा और भाकपा समेत अन्य वाम दलों ने भी एक संयुक्त बयान जारी कर किसानों के भारत बंद का पूर्ण समर्थन करने की घोषणा की.

द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने किसानों को अपना समर्थन देते हुए तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया. इस दौरान, अपने संबोधन में स्टालिन ने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आश्वासन के अभाव समेत कई अन्य मांगों को लेकर कानून का विरोध कर रहे हैं.

भारत बंद को आरजेडी भी किसानों के साथ

वहीं, पटना में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने शनिवार को यहां नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया और कानूनों की वापसी के लिए आंदोलन कर रहे किसानों को समर्थन देने का संकल्प लिया. आरजेडी ने रविवार को किसानों के भारत बंद को समर्थन देने की घाेषणा करते हुए एक बयान जारी किया. जिसमें कहा गया कि “राष्ट्रीय जनता दल 8 दिसम्बर को आहूत भारत बंद का समर्थन करता है. तेजस्वी यादव के निर्देश अनुसार सभी पार्टी पदाधिकारी अपने क्षेत्र के किसान संगठनों एवं किसानों के सहयोग से भारत बंद को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भागीदारी देकर आरजेडी के संकल्प को मजबूत करने में अपना योगदान दें”
वहीं तेजस्वी ने ट्वीट किया, “धनदाता के विरुद्ध अन्नदाता की लड़ाई में, मैं उनके साथ खड़ा हूं. क्या नए कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रावधान की मांग करने वाले किसानों के समर्थन में आवाज उठाना गुनाह है. यदि यह गुनाह है तो हम हमेशा यह गुनाह करेंगे.”

कर्नाटक के  किसान संगठन का भी मिला किसानों को साथ

कर्नाटक राज्य रैयत संघ ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों की ओर से आठ दिसंबर को आहूत भारत बंद को अपना समर्थन देने की रविवार को घोषणा की. संगठन के अध्यक्ष कोडिहल्ली चंद्रशेखर ने कहा कि वे राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन देंगे.राज्य के किसान नौ दिसंबर को विधानसभा सत्र शुरू होने पर विधान सौध का घेराव करेंगे. चंद्रशेखर ने कहा, “हम पूरे राज्य के जिला मुख्यालयों, तालुक मुख्यालयों और गांवों में अहिंसक तरह से आंदोलन करते हुए बंद करेंगे.”उन्होंने कहा कि वह विरोध प्रदर्शन के लिए आम लोगों से समर्थन की अपील करेंगे.

आम आदमी पार्टी ने किसानों के ‘भारत बंद’ के आह्वान का किया समर्थन

आम आदमी पार्टी (आप) ने नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को किये गए ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को यह जानकारी दी. केजरीवाल ने कहा कि देशभर में आप कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे. उन्होंने सभी नागरिकों से किसानों का समर्थन करने की अपील की.

तेलंगाना राष्ट्र समिति ने किसानों के ‘भारत बंद’के आह्वान का किया समर्थन

तेलंगाना राष्ट्र समिति ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान संगठनों की तरफ से आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन किया है. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसमें सक्रियता से शामिल होकर बंद को सफल कराएंगे.

शिअद ने पंजाबियों से की किसान संगठनों के भारत बंद को समर्थन देने की गुजारिश

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को आहूत बंद को समर्थन देने की रविवार को पंजाबियों से गुजारिश की. बादल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कृषि संबंधी तीन कानूनों को निरस्त कराने के लिए किसानों के साथ काम करेगी. केंद्र सरकार के खिलाफ ‘अन्नदाता’ की लड़ाई बताते हुए शिअद प्रमुख ने कहा, ‘ मुझे यकीन है कि आंदोलन केंद्र सरकार को किसानों की मांगों के आगे झुकने को मजबूर करेगा.

तमिलनाडु में द्रमुक समेत 10 विपक्षी दल भारत बंद के समर्थन में

तमिलनाडु में द्रमुक और उसके नौ सहयोगियों ने रविवार को किसान, व्यापारी, ट्रेड यूनियन, सरकारी कर्मचारी और अन्य संघों को किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए 8 दिसंबर को भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया. यहां जारी एक संयुक्त बयान में, दस दलों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार की चुप्पी की निंदा की.

तमिलनाडु की विपक्षी पार्टियों ने कहा, “किसान बड़ी संख्या में दिल्ली में छह महीने के लिए खाद्य भंडार और अपने ट्रैक्टरों के साथ सीमाओं में इकट्ठे हो रहे हैं, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बातचीत की आड़ में निर्णय लेने में देरी कर रही है और किसान की उचित मांगों के लिए सहमति नहीं दे रही है.”

ये दस विपक्षी पार्टियां डीएमके, एमडीएमके, सीपीआई, सीपीआई (एम), वीसीके, आईयूएमएल, कांग्रेस, एमएमके, आईजेके और केएनएमएनके हैं. इस बीच कमल हासन की पार्टी एमएनएम ने किसान के प्रदर्शन को अपना समर्थन देने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजा है.

उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’का आह्वान किया है. किसानों और केंद्र के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद मुद्दे का हल नहीं हो पाया है.

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