मध्य प्रदेश: बिजली कटने से रुकी ऑक्सीजन सप्लाई, 3 कोरोना मरीजों की मौत

मध्य प्रदेश (MP) सरकार ने भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल में ऑक्सीजन (Oxygen)  सप्लाई रुकने की वजह से तीन कोरोना (Three Corona) वायरस मरीजों की मौत के मामले जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल बिजली कटौती (Power Cut) की वजह से ऑक्सीजन रुकने के बाद तीनों मरीजों की मौत हो गई थी. इस मामले में सीएम (CM) शिवराज ने जांच के आदेश दिए हैं.

मृतकों की पहचान भोपाल (Bhopal) के पूर्व कॉर्पोरेटर, 67 साल के अकबर खान, 70 साल के बाबूलाल और 70 साल के मोहम्मद खलील के रूप में की गई है. मुख्यमंत्री (CM) शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह इस मामले में जांच (Order Probe) के आदेश दिए हैं.

जनरेटर न चलने पर सब-इंजीनियर निलंबित

भोपाल के डिवीजन कमिश्नर कविंद्र कियावत ने बिजली कटौती के बाद 10 मिनट के भीतर बिजली जनरेटर के नहीं चलने की वजह से एक सार्वजनिक निर्माण विभाग के सब-इंजीनियर को निलंबित कर दिया है.

आयुक्त ने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन और हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अस्पताल के एक डॉक्टर के मुताबिक खान, बाबूलाल और मोहम्मद खलील समेत 11 कोरोना मरीजों को अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था.

बिजली कटने से रुकी ऑक्सीजन की सप्लाई

उनमें से कुछ मरीज वेंटिलेटर पर थे जबकि कुछ मरीजों को एचएफएनसी मशीन के माध्यम से ऑक्सीजन दी जा रही थी, लेकिन बिजली कटौती के बाद, ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई, क्योंकि एचएफएनसी के पास कोई पावर बैक-अप नहीं था. यहां तक ​​कि पॉवर बैक-अप कम होने की वजह से वेंटिलेटर्स ने कुछ मिनटों के बाद काम करना बंद कर दिया था.

मरीजों की हालत बिगड़ती गई और ऑन-ड्यूटी डॉक्टरों ने अंबू बैग के जरिए उन्हें ऑक्सीजन दी गई, लेकिन उनमें से तीन की कुछ घंटों के बाद ही मौत हो गई. लाइट जाने के दो घंटे के बाद बिजली की आपूर्ति बहाल की गई थी. अकबर खान के भाई महमूद खान ने कहना है कि उनका भाई बीमारी से उबर ही रहा था लेकिन अस्पताल की खराब व्यवस्था की वजह से उसका जीवन खत्म हो गया.

बिजली कटने से नहीं गई मरीजों की जान-पुलिस

हालांकि, भोपाल डिवीजन कमिश्नर कवींद्र कियावत ने कहा कि शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक, हमीदिया अस्पताल में बिजली आपूर्ति की तीन स्तरीय प्रणाली है, अगर बिजली की आपूर्ति एक बिजली कार्यालय से रुकती है, तो अस्पताल में पावर बैकअप सिस्टम के रूप में जनरेटर होते हैं. अगर पावर बैकअप सिस्टम भी फेल हो जाता है, तो वेंटिलेटर समेत सभी महत्वपूर्ण मशीनों में इनबिल्ट बैटरी होती है जो 2 से 4 घंटे का पावर बैकअप देती है.

उन्होंने बताया कि दो घंटे में बिजली फिर से बहाल कर दी गई थी, इसलिए कोरोना वायरस रोगियों की मौत के लिए बिजली कटौती को दोषी ठहराना गलत है. वार्ड में एक ऑन-ड्यूटी डॉक्टर ताहिर अली ने बताया कि घटना के समय सभी मशीनें ठीक से काम कर रही थीं. हालांकि, तकनीकी खराबी की वजह से अस्पताल के पावर बैकअप सिस्टम के फेल होने पर उप-इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *