बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत, शराबबंदी पर फिर उठे सवाल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जयंत कांत ने इस बात की पुष्टि की कि गांव में 5 लोगों की मौत (Death) हो गई है, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है.
बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में पिछले तीन दिन में कथित तौर पर जहरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने से 5 लोगों की मौत (Death) हो चुकी है. बिहार में शराब की बिक्री और शराब पीने पर रोक है. पीड़ित परिवार के एक सदस्य खेलावन मांझी ने शनिवार को बताया कि कटरा थाना क्षेत्र के दरगाह गांव में शराब पीने के बाद लोगों की मौत हो गई. भाजपा विधायक सहित कई राजनीतिक नेताओं ने भी मांझी के दावे का समर्थन किया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जयंत कांत ने इस बात की पुष्टि की कि गांव में 5 लोगों की मौत हो गई है. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है. एसएसपी ने हालांकि इस घटना के बाद कटरा पुलिस स्टेशन के थानाधिकारी सिकंदर कुमार को निलंबित कर दिया है.
भाजपा-राजद के नेता पहुंचे गांव
कांत ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिलाधिकारी प्रणव कुमार, एसएसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शनिवार को गांव पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. भाजपा और राजद के नेताओं ने गांव जाकर घटना की जानकारी ली.
गुजरात में पुलिसवालों पर शराब छिपाने का आरोप
वहीं, गुजरात के अरवल्ली जिले के मोडासा में स्थानीय अपराध शाखा के एक पुलिस निरीक्षक और तीन कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. एक पुलिस थाने के अंदर शराब की 70 से अधिक बोतलें कथित तौर पर छिपाने के लिए शनिवार को एक प्राथमिकी दर्ज की गई. एसपी संजय खरात ने बताया कि यह अपराध शुक्रवार को उस समय प्रकाश में आया जब वह वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें दो आरोपी कांस्टेबल शराब की और 120 बोतलें ले जा रहे थे.
गुजरात में एक सख्त निषिद्ध कानून है जो राज्य की सीमा के भीतर शराब के निर्माण, बिक्री, खपत और परिवहन पर प्रतिबंध लगाता है. एसपी ने कहा, ‘‘70 से अधिक शराब की बोतलें एलसीबी कार्यालय में छिपाने के मामले के बाद हमने चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें एलसीबी पुलिस इंस्पेक्टर आर के परमार भी शामिल हैं.’’