शराब से बर्बाद जिंदगियां: बेटे ने मां को डेढ़ महीने तक नहीं दिया खाना, पत्नी तंग आकर हो गई पागल
लावारिस हालत में मिली M.COM तक पढ़ी, 35 साल की लीलाबाई की कहानी भी ऐसी ही है. वो अपने पति की शराब की लत से इतनी परेशान हो गईं कि अपना मानसिक संतुलन ही खो बैठी और शहर में पागलों की तरह भटकने लगी.
कहते हैं शराब की लत केवल इंसान को ही नहीं बरबाद करती बल्कि उसके सभी रिश्तों को भी दीमक की तरह खा जाती है. शराब के कारण तबाह हुए ऐसे ही दो परिवारों के मामले इंदौर शहर से सामने आए है. जूना रिसाला में रहने वाली 80 साल की गंगाबाई का बेटा शराब का इस कदर आदी है कि लगभग डेढ़ महीने से गंगाबाई ने खाना ही नहीं खाया जिस वजह से उनकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि वो मुंह से कुछ बोल भी नहीं पा रही.
वहीं लावारिस हालत में मिली M.COM तक पढ़ी, 35 साल की लीलाबाई की कहानी भी ऐसी ही है. वो अपने पति की शराब की लत से इतनी परेशान हो गईं कि अपना मानसिक संतुलन ही खो बैठी और शहर में पागलों की तरह भटकने लगी. तबीयत खराब होने पर इन दोनों ही महिलाओं को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद ही यह दोनों मामले सामने आए हैं
डेढ़ महीने से भूखी थी गंगाबाई
बेटे की उपेक्षा का शिकार हुई मां गंगाबाई ने पिछले डेढ़ महीने से खाना नहीं खाया था और इस बात का उनके बेटे को पता ही नहीं था. क्योंकि गंगाबाई का बेटा जो कमाता था उसे शराब में उड़ा देता है. उसने इतने समय में इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि उसकी मां ने कुछ खाया है या नहीं. गंगाबाई की पड़ोसी हेमलता जरूर उन्हें बीच-बीच में पानी पिला देती थी जिस कारण वो अभी तक जीवित थी. एक दिन गंगाबाई खाना ना खाने के चक्कर में इतनी कमजोर हो गई कि वो बेहोश हो गई.
जिसके बाद अरबिंदो अस्पताल की टीम जूना रिसाला पहुंची. जब टीम वहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि गंगाबाई की स्थिति बहुत खराब है. हॉस्पिटल एडमिन डॉ. नीरज सेन ने बताया कि बुजुर्ग ने डेढ़ माह से खाना नहीं खाया था और वो गठिया से भी पीड़ित थी. गंगाबाई इतनी कमजोर हो गई थीं कि जब उन्हें खाना दिया गया तो वो खाना भी नहीं खा पा रही थीं. अस्पताल में उन्हें ICU में भर्ती किया गया.
बेशर्मी की हद तो तब हुई जब गंगाबाई का बेटा अस्पताल आया. लेकिन उसने अपनी पहचाान नहीं बताई और खुद को पड़ोसी बताया. हालांकि बाद में पता चल गया था कि वो गंगाबाई का बेटा है
पति की शराब ने अंग्रेजी बोलने वाली लीलाबाई को किया पागल
पति की शराब की लत और उसके बाद होने वाली घरेलू हिंसा से लीलाबाई इस कदर प्रताड़ित हुई कि वो अपना मानसिक संतुलन ही खो बैठी. भागीरथपुरा में रहने वाली लीलाबाई के 3 बच्चे हैं और वो M.COM तक पढ़ी हुई है. दरअसल अरबिंदो अस्पताल की टीम को जब पता चला कि एक महिला लावारिस हालत में पीसी सेठी अस्पताल के सामने बने एक सरकारी स्कूल परिसर में बैठी है तो टीम फौरन वहां पहुंची और उसे अस्पताल लेकर आई.
डॉक्टरों का कहना है कि महिला पढ़ी लिखी है और अंग्रेजी में बात करती है. पति के शराब पीने की लत और मारपीट के कारण ही महिला मनोरोग की शिकार हो गई और घर से बाहर लावारिसों की तरह घूमने लगी. लीलाबाई की मानसिक स्थिति इतनी खराब है कि वो इलाज के लिए डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को भी अपने पास नहीं आने दे रही हैं.
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि लीलाबाई को जब अस्पताल लाया जा रहा था तब उसने 25 पेंट और 12 शर्ट, स्वेटर और जैकेट पहन रखे थे. इस वजह से वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं. अस्पताल ने बड़ी मशक्तों के बाद उसके इतने ज्यादा कपड़ों को ब्लेड से काटकर निकाला ताकि उसका ईलाज हो सके.