घायल होने के बाद कोलकाता के अस्पताल में भर्ती करवाई गईं ममता बनर्जी, चुनाव आयोग ने मांगी पूरी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता के SSKM अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पहले से अलर्ट पर रखे गए अस्पताल में छह डॉक्टरों की एक टीम मुख्यमंत्री के इलाज में जुट गई है। उधर, चुनाव आयोग ने पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। ममता नंदीग्राम के रियापारा इलाके में एक मंदिर के बाहर खड़ी हुई थीं, जिस समय उनके साथ यह घटना घटी। मुख्यमंत्री का आरोप है कि उन्हें धक्का दिया गया, जिसकी वजह से उनके एक पैर में चोट लग गई और सूजन आ गई।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र में बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमले के संबंध में राज्य पुलिस से एक रिपोर्ट मांगी है। राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ”हमने राज्य प्रशासन से एक रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट तुरंत भेजनी होगी।”

चोटिल होने के बाद बनर्जी ने कहा कि मैं अपनी कार के बाहर खड़ी थी, जिसका दरवाजा खुला था। मैं वहां मंदिर में प्रार्थना करने जा रही थी। कुछ लोग मेरी कार के पास आए और दरवाजे को धक्का दिया। कार का दरवाजा मेरे पैर में लग गया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चोट लगने की वजह से उनके पैर में सूजन आ गयी और उन्हें बुखार जैसा लग रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि घटना के समय मौके पर कोई स्थानीय पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था।

नंदीग्राम से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहीं बनर्जी ने आरोप लगाया कि घटना के पीछे साजिश है। इस घटना के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं क्योंकि मुख्यमंत्री को जेड-प्लस की सुरक्षा प्राप्त है। बनर्जी को रात्रि विश्राम नंदीग्राम में ही करना था, लेकिन उन्हें कोलकाता लाया गया। वह पिछले दो दिन से पूर्ब मेदिनीपुर जिले में प्रचार कर रही थीं। आज दिन में ही उन्होंने हल्दिया में नामांकन पत्र दाखिल किया था।

उधर, बीजेपी ने चुनाव आयोग से मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की है। बंगाल में बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, ”मैं महांकाल की नगरी में हूं। मुझे अभी जानकारी प्राप्त हुई है कि ममता जी को चोट आई है। मैं बाबा महाकाल से उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। इस घटना पर राजनीति ना हो इसलिए चुनाव आयोग इसकी उच्चस्तरीय जांच करवाए। यदि कोई दोषी है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।”

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