पंचायत चुनाव : पिछली बार 25 प्रतिशत निरक्षर और 47 फीसदी प्राइमरी पास चुने गए थे ग्राम प्रधान
आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक गलियारे में पंचायत चुनाव के नए समीकरणों के साथ पिछले चुनाव के नतीजों पर भी चर्चा हो रही है। पिछले चुनाव की एक दिलचस्प तस्वीर यह रही कि पूरे प्रदेश से निर्वाचित हुए ग्राम प्रधानों में 25 प्रतिशत निरक्षर थे। 47.63 प्रतिशत सिर्फ प्राइमरी तक पढ़े थे तो 11.59 जूनियर हाईस्कूल, 6.99 हाईस्कूल, 4.64 इंटर पास थे। स्नातक डिग्रीधारी प्रधान 3.36 प्रतिशत तो परास्नातक एक से भी कम 0.69 प्रतिशत थे।
प्रयागराज जिले में 172 ऐसे ग्राम प्रधान चुने गए थे, जो अंगूठाछाप थे। खास बात यह है कि ऐसे सर्वाधिक 26 ग्राम प्रधान उस करछना ब्लाक से चुने गए थे, जो शहर से सटे ब्लॉकों में से एक है। निरक्षर ग्राम प्रधानों की संख्या के लिहाज से कौड़िहार जिले में दूसरे स्थान पर था। इस ब्लॉक के 21 ग्राम प्रधान निरक्षर थे तो कोरांव ब्लॉक के 15 ग्राम प्रधान निरक्षर थे। तब जिले में 20 ब्लॉक थे और कोई ऐसा ब्लॉक नहीं था, जहां से निरक्षर ग्राम प्रधान न चुने गए हों। धनूपुर और चाका ब्लाक से 12-12, बहादुरपुर से 11 तो मेजा, बहरिया और मांडा से 8-8 निरक्षरों को ग्राम प्रधानी की कमान मिली थी। हंडिया और कौंधियारा से 7-7, प्रतापपुर से 6, शंकरगढ़ और सैदाबाद से पांच-पांच तो उरूवा, सोरांव और फूलपुर से चार-चार निरक्षर ग्राम प्रधान थे। होलागढ़ में 3 तो जसरा से सबसे कम दो निरक्षर ग्राम प्रधान थे।
660 प्रधान सिर्फ प्राइमरी पास थे
पिछले चुनाव में प्रयागराज जिले में 1638 ग्राम पंचायतें थीं। इनमें 660 ग्राम पंचायतों के मुखिया सिर्फ प्राइमरी पास थे। 137 जूनियर हाईस्कूल, 271 हाईस्कूल तो 215 इंटर पास थे। वहीं 119 ग्राम प्रधान ऐसे भी चुने गए थे, जिनके पास स्नातक की डिग्री थी तो परास्नातक तक पढ़ाई करने वाले 63 लोग ग्राम प्रधान चुने गए थे। पिछले चुनाव में जिले में 663 निरक्षर क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए थे। वहीं, पूरे प्रदेश से चुने क्षेत्र पंचायत प्रमुखों में 94 निरक्षर थे। इस 94 में एक प्रमुख यमुनापार इलाके के भी थे। पिछले चुनाव में 92 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए थे। इनमें 26 निरक्षर थे।