वैक्सीन से डर रहे हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर: ब्रिटेन में डोज लेने वाले महज एक फीसदी मरीज ही हुए अस्पताल में भर्ती
सेज पब्लिकेशन द्वारा विश्लेषण किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वायरस की दूसरी लहर के दौरान वैक्सीन लगवाने वाले केवल एक फीसदी ऐसे लोग थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरती पड़ी.
कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए दुनियाभर में लोगों को वैक्सीन (Vaccine) लगाई जा रही है. लेकिन कुछ लोगों को वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर संदेह है, इस कारण वे वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं. लेकिन ब्रिटेन (Britain) से वैक्सीन को लेकर एक बेहद ही सुखद खबर आई है, जिसे जानकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरणा मिलेगी. ब्रिटेन के ‘नेशनल हेल्थ सर्विस’ के डाटा से पता चला है कि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद केवल कुछ ही लोगों को कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी.
सेज पब्लिकेशन द्वारा विश्लेषण किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वायरस की दूसरी लहर के दौरान वैक्सीन लगवाने वाले केवल एक फीसदी ऐसे लोग थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरती पड़ी. वैक्सीनेशन के तीन सप्ताह बाद तक उनके शरीर में वैक्सीन से लड़ने की क्षमता पैदा हो गई थी. स्टडी के मुताबिक, वैक्सीन की पहली डोज लेने के तीन या इससे ज्यादा सप्ताह के बाद 52 हजार लोगों में से 526 लोग ऐसे थे, जिन्हें कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया.
अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिकतर लोग बूढ़े
इन सभी 526 लोगों के शरीर में वैक्सीन लगने के बाद एंटीबॉडी बनने लगी थी. वहीं, पहली डोज लेने के बाद किसी भी समय संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या का ये 29 फीसदी थी. दूसरी ओर, 71 फीसदी ऐसे लोग थे, जिनके शरीर में वैक्सीन लेने के बाद इम्युनिटी बनने से पहले ही वह बीमार हो गए. सेज के सलाहकारों ने बताया कि ये सभी मरीज बूढ़े और गंभीर अवस्था वाले थे. इस बात की पहले से ही संभावना था कि इस ग्रुप पर वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है.
वैक्सीन की सिंगल डोज भी वायरस के खिलाफ प्रभावी
SAGE के सदस्य और एक लिवरपूल विश्वविद्यालय के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर कैलम सेम्पल ने कहा कि डाटा हमें इस बात का आश्वासन देता है कि वैक्सीन की सिंगल डोज भी वास्तविक दुनिया में लोगों की रक्षा कर रही है. इन आंकड़ों से पता चलता है कि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद अस्पताल में भर्ती होने की दर ज्यादा है, लेकिन दूसरे और तीसरे हफ्ते के बाद इस दर में तेजी से गिरावट होती है.
वैक्सीन की दो डोज लेने पर वायरस के खिलाफ मिलती है ज्यादा सुरक्षा
अन्य नतीजों से पता चला है कि सभी बूढ़े लोगों का वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद इम्युन सिस्टम मजबूत नहीं हो जाता है. लेकिन वैक्सीन की दूसरी डोज लगते ही आमतौर पर सभी में इम्युनिटी के नतीजे दिखने लगते हैं. वहीं, पिछले महीने हुए अन्य शोधों में कुछ आशाजनक आंकड़े निकलकर सामने आए हैं. इनमें कहा गया है कि वैक्सीन लेने के बाद एक साथ रहने वाले लोगों में वायरस को फैलाने की क्षमता आधी हो जाती है.