MP: कोरोना पीड़ित मरीजों की मदद के लिए ऑटो को बनाया एम्बुलेंस, अब पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जानें पूरा मामला
कोरोना पीड़ित मरीजों को मुफ्त सेवा देने वाले ऑटो ड्राइवर जावेद पर पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करने को लेकर मामला दर्ज किया था.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक ऑटो ड्राइवर जावेद खान को लोगों की मदद के लिए अपने ऑटो को एम्बुलेंस में बदलना महंगा पड़ गया. कोरोना से मचे हाहाकार में लोगों की मदद करने वाले जावेद खान के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. जावेद खान ने अपनी पत्नी के गहने बेचकर अपने ऑटो को एम्बुलेंस का रूप दिया था.
इस एंबुलेंस की मदद से जावेद खान मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे थे. लेकिन शनिवार को जावेद खान को भोपाल के छोला पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों ने रोक दिया. गाड़ी रोके जाने पर जावेद खान ने पुलिसकर्मियों को बताया है कि मैंने अपने ऑटो को एम्बुलेंस में बदल दिया है और मेरे ऑटो में कोरोना मरीजों की मदद करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भी है, लेकिन उन्होंने मुझे डांटना शुरू कर दिया. मैं घटना का वीडियो भी शूट कर रहा था. इस दौरान पुलिसकर्मी ने परेशान होकर मामला दर्ज कर लिया है.
पुलिस विभाग ने मुकदमा लिया वापस
भोपाल साउथ एसपी विजय खत्री ने बताया है कि जिले में संपूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि जावेद ने अपनी यात्रा के बारे में नही बताया और पुलिस बैरिकेड को हटाने लगा था. इसलिए पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज कर लिया था. एसपी ने बताया कि जब हमें उसकी कहानी के बारे में पता चला तो हमने उसके खिलाफ मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं जावेद ने बताया है कि “इस तरह से ऑटो चलाने की इजाजत नहीं है. लेकिन पुलिस विभाग ने मुझे इजाजत दी और कहा कि आप अच्छा काम कर रहे हैं, इसे जारी रखे.”
ऑटो एंबुलेंस में ऑक्सीजन की सुविधा
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते लोगों को ऑक्सीजन (Oxygen) आसानी से नहीं मिल पा रही है. ऐसे में मरीज बिना परेशानी के अस्पताल पहुंच सके, इसके लिए जावेद ने ऑटो रिक्शा एंबुलेंस में ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम भी दे रखा है. ऐसे में जावेद ने अपने ऑटो में ऑक्सीजन की व्यवस्था भी की है ताकि किसी भी मरीज को कोई संकट न रहे. उन्होंने कहा कि वे खुद लाइन में लगकर हर रोज सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवाते हैं ताकि मरीजों को परेशानी न हो.