हो जाएं सावधान आ गया नया फ्रॉड! पुराने फोन नंबर को इस्तेमाल कर चुराई जा सकती हैं आपकी पर्सनल जानकारी
टेक्नोलॉजी जगत में बूम आने के साथ-साथ इस इंडस्ट्री में फ्रॉड और स्कैम भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हम आए दिन एक नए स्कैम के बारे में लोगों को बता रहे होते हैं। अब एक नया स्कैम सामने आया है जो आपके पुराने मोबाइल नंबर जुड़ा है। तो क्या कभी आपने सोचा है कि जब आप एक नया फोन नंबर लेते हैं तो आपके पुराने फोन नंबर का क्या होता है? शायद किसी ने नहीं सोचा हो। लेकिन आपको बता दें कि मोबाइल कंपनियां अक्सर पुराने नंबर्स को रिसाइकल कर देती हैं और नए यूजर को असाइन कर देती हैं।
टेलिकॉम कंपनियां नंबर सीरीज बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा करती हैं। लेकिन यह प्रोसेस उन यूजर्स के लिए सुरक्षित नहीं है, जो पहले इस नंबर के मालिक थे। जब आपका पुराना नंबर नया उपयोगकर्ता प्राप्त करता है, तो पुराने नंबर से जुड़ा डेटा भी नए यूजर के लिए एक्सेस करना आसान हो जाता है। इसी वजह से यह प्रोसेस यूजर्स को गोपनीयता और सुरक्षा से जुड़े जोखिमों में डाल सकता है।
ऐसे चुराई जाती है पुराने यूजर्स की जानकारी
अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने एक बड़ा खुलासा करते हुए जानकारी दी है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा पुराने नंबर को रिसाइकल करने की पूरी प्रक्रिया ही सिक्योरिटी और प्राइवेसी पर सवाल खड़े करती है। रिसाइकल्ड नंबर्स के द्वारा नए यूजर्स, पुराने यूजर्स के नंबर की जानकारी को एक्सेस कर सकते हैं। जब आप अपना नंबर बदलते हैं, तो आप तुरंत सभी डिजिटल खातों में अपना नया नंबर अपडेट करना भूल जाते हैं। उदाहरण के लिए, आप अभी भी किसी एक ई-कॉमर्स ऐप में अपने पुराने नंबर का उपयोग कर रहे होंगे।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक पत्रकार ने नया मोबाइल नंबर लिया जिसके बाद उसके पास ब्लड टेस्ट और स्पा के अप्वाइंटमेंट वाले मैसेज आने लगे। रिसर्च के दौरान 200 रिसाइकल नंबर की जांच एक सप्ताह तक हुई जिनमें से 19 नंबर पर पुराने यूजर्स के मैसेज और कॉल आ रहे थे। इन नंबर्स पर कई बार ऑथेंटिकेशन वाले मैसेज और ओटीपी भी आए।
इन खतरों का चला पता
शोधकर्ताओं ने 8 संभावित खतरों को लिस्ट किया है जो मोबाइल नंबर रीसाइक्लिंग के कारण उत्पन्न हो सकते हैं। प्रमुख खतरों में से एक यह है कि एक पुराने यूजर पर फ़िशिंग का हमला किया जा सकता है। तो जिसे रिसाइकल कर यह नंबर दोबारा दिया जा रहा है उसके साथ भी एसएमएस के जरिए फिशिंग अटैक हो सकते हैं। जब संदेश विश्वसनीय लगते हैं तो फ़िशिंग हमलों के मामले बढ़ जाते हैं। हैकर इन फोन नंबर का इस्तेमाल विभिन्न अलर्ट, समाचार पत्र, अभियान और रोबोकॉल के लिए साइन अप करने के लिए नंबर उपयोग कर सकते हैं।