रिलायंस जियो का मेगा प्लान:5G स्पीड के लिए 16 हजार किलोमीटर के दो नए समुद्री डेटा केबल डाल रही, भारत समेत यूरोप से सिंगापुर तक कनेक्टिविटी होगी मजबूत
भारत की सबसे बड़ी 4G और मोबाइल ब्रॉडबैंड कंपनी रिलायंस जियो, अंतरराष्ट्रीय सबमरीन केबल सिस्टम बना रही है। रिलायंस जियो अगली पीढ़ी की दो सबमरीन केबल डालेगा। इसे भारत और पूरे भारतीय रीजन की डेटा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। जियो ने इसके लिए विश्व कई प्रमुख वैश्विक साझेदारों और विश्व स्तरीय सबमरीन केबल सप्लायर सबकॉम के साथ हाथ मिलाया है।
IAX और IEX प्रोजेक्ट पर काम करेगी कंपनी
भारत-एशिया-एक्सप्रेस (IAX) सिस्टम भारत को पूर्व की ओर सिंगापुर और उससे आगे कनेक्ट करेगा। जबकि भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (IEX) सिस्टम भारत को पश्चिम की ओर मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ेगा। IAX और IEX भारत में और भारत से बाहर डेटा और क्लाउड सेवाओं को पहुंचाने की क्षमता बढ़ाएंगे।
200Tbps की स्पीड मिलेगी
2016 में जियो के लॉन्च के बाद से ही भारत में डेटा की मांग में असाधारण उछाल आया है। डेटा खपत में आए इस उछाल की वजह से भारत आज अंतर्राष्ट्रीय डेटा नेटवर्क मानचित्र पर उभर आया है। यह हाई स्पीड सिस्टम करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तक 200Tbps से अधिक की क्षमता प्रदान करेगा।
5G, IoT जैसे काम में मिलगी मदद
रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट, मैथ्यू ओमन ने कहा, “भारत में डिजिटल सेवाओं और डेटा खपत के मामले में रिलायंस जियो नेटवर्क सबसे आगे है। स्ट्रीमिंग वीडियो, रिमोट वर्कफोर्स, 5G, IoT जैसी मांगों को पूरा करने के लिए, इस अपनी तरह के पहले भारत-केंद्रित IAX और IEX सिस्टम बनाने का नेतृत्व जियो कर रहा है। वैश्विक महामारी के बीच इस महत्वपूर्ण काम को अंजाम तक पहुंचाना एक चुनौती है किंतु इस महामारी ने डिजिटल सेवाओं के लिए उच्च-स्तरीय कनेक्टिविटी की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।”
कई देशों से कनेक्टिविटी मिलेगी
IAX केबल सिस्टम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत को एशिया प्रशांत बाजारों से जोड़ेगा। इससे मुंबई, चेन्नई, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर तक एक्सप्रेस कनेक्टिविटी मिलेगी। IEX प्रणाली भारत को यूरोप में इटली मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका तक जोड़ेगा।
IAX और IEX सिस्टम रिलायंस जियो के ग्लोबल फाइबर नेटवर्क से भी जुड़ती हैं, जो अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तटों को कनेक्ट करती है। IAX के 2023 के मध्य में सेवा के लिए तैयार होने की उम्मीद है, जबकि IEX 2024 की शुरुआत में सेवा के लिए तैयार हो जाएगा।