UP: इलाहाबाद HC का सरकार को आदेश- कोरोना से जंग के लिए कम पड़ रहीं मेडिकल सुविधाएं, गांव के CHC में हों इलाज के सभी इंतजाम

कोर्ट ने कहा है कि गोरखपुर, कानपुर, आगरा, प्रयागराज और मेरठ मेडिकल कॉलेजों में आने वाले चार महीनों में सुविधाओं को बढ़ाया जाए.

कोरोना संक्रमण शहरों के साथ ही अब गांव में भी तेजी से फैल (Corona Infection in Village) रहा है. महामारी के बढ़ते प्रकोप पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर लताड़ लगाई है. कोर्ट ने कहा कि महामारी के दौर में मौजूदा मेडिकल अरेंजमेंट्स लोगों के लिए कम पड़ (Medical Arrangements Not Enough) रहे हैं. इसमें सुधार किए जाने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि राज्य के मेडिकल अरेंजमेंट्स बहुत ही कमजोर हैं.

हाईकोर्ट ने पांच शहरों में पहले से मौजूद मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्थाओं (Health Arrangements) को दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि गोरखपुर, कानपुर, आगरा, प्रयागराज और मेरठ मेडिकल कॉलेजों में आने वाले चार महीनों में सुविधाओं (Expend Medical Arrangements) को बढ़ाया जाए. इनकी सुविधाएं संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट की तरह अच्छी होनी चाहिए. कोर्ट ने ये भी आदेश दिया कि इसके लिए जरूरी जगह लेने के लिए इमरजेंसी कानून लागू किया जाए.

‘गांव में हों हर तरह की पैथोलॉजी सुविधाएं’

इसके साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों के लिए फंड की भी व्यवस्था की जाए. कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि अगली तारीख तक इसे लेकर एक पक्की रिपोर्ट पेश की जाए कि चार महीने में ये काम कैसे पूरा किया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि सरकार इस काम को लटकाए नहीं. गावों में बढ़ रहे संक्रमण पर सख्ती जताते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार की तरफ से गांव और छोटी जगहों पर हर तरह की पैथोलॉजी सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए. साथ ही CHC में बड़े अस्पतालों की तर्ज पर इलाज की व्यवस्था की जानी चाहिए. वहीं गंभीर रोगियों के लिए सफभी सुविधाओं से लैस एंबुलेंस की व्यवस्था किए जाने की भी जरूरत है. जिससे उसे अस्पताल ले जाने में परेशानी न हो.

कोर्ट ने कहा कि यूपी के बी और सी ग्रेड शहरों को करीब 20 एंबुलेंस दी जानी चाहिए वहीं हर गांव में दो एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए. इनमें सभी मेडिकल सुविधाएं होनी चाहिए. कोर्ट ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि एक महीने में एंबुलेंस देने का काम पूरा किया जाना चाहिए. जिससे मरीजो को शहरों के अस्पतालों में लाने में परेशानी न हो.

‘गांवों के CHC में हों लाइफ सेविंग मेडिकल उपकरण’

कोर्ट ने कहा कि डीएम की रिपोर्ट से पता चलता है कि पांच जिलों में वहां की आबादी के हिसाब से बुनियादी ढांचा पर्याप्त नहीं है. इससे इतनी आबादी की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं.ग्रामीण इलाकों के CHC में लाइफ सेविंग मेडिकल उपकरणों की बहुत ही कमी है. सरकार को इस तरफ ध्यान देने की बहुत ही जरूरत है. वहीं कई जिलों में अच्छे अस्पताल नहीं है. कोर्ट ने अगली सुनवाई तक इस बारे में रिपोर्ट तलब की है.

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