बढ़ती जा रही है IMA और बाबा रामदेव के बीच की खाई, अब थाने तक पहुंचा मामला
इन तमाम तथ्यों की पुष्टि मध्य दिल्ली जिले के डीसीपी ने भी गुरुवार को की. डीसीपी के मुताबिक आईपी एस्टेट थाना पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद एक लिखित शिकायत मिली है.
योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के बीच कई दिन से चली आ रही मुंहजुबानी जंग अब कानूनी कागजातों में भी उतर आई है. बीते दिनों ने बाबा के बेबाक बयान से बेहाल आईएमए ने पहले तो योग गुरु रामदेव को चेतावनी दी. उससे जब बात नहीं बनी और बाबा अपनी पर अड़े रहे तो उन्हें एक हजार करोड़ रुपए जैसी भारी भरकम रकम का मानहानि के मुकदमे का नोटिस भेज दिया गया.
मानहानि के नोटिस से भी जब बाबा नहीं माने तो हारकर, गुरुवार को आईएमए पदाधिकारियों ने सीधे पुलिस की शरण ली. फिलहाल इस मामले में रामदेव के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आईएमए की लिखित शिकायत तो ले ली है, लेकिन मुकदमा अभी तक दर्ज नहीं हुआ है. पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और अगर तथ्यों में दम नजर आया तभी एफआईआर दर्ज करने पर विचार किया जाएगा.
इन तमाम तथ्यों की पुष्टि मध्य दिल्ली जिले के डीसीपी ने भी गुरुवार को की. डीसीपी के मुताबिक आईपी एस्टेट थाना पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद एक लिखित शिकायत मिली है. आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश लेले की तरफ से एक शिकायत दी गई है. ये शिकायत बाबा रामदेव के खिलाफ जांच करके मुकदमा दर्ज कराए जाने के संबंध में है. थाना आईपी एस्टेट के एक अधिकारी ने कहा कि हां दोपहर बाद (गुरुवार) आईएमए की तरफ से एक लिखित शिकायत मिली है. शिकायत बाबा रामदेव के खिलाफ है. शिकायत में कहा गया है कि बाबा रामदेव का बयान आपत्तिजनक और निंदनीय है. उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाही करते हुए मुकदमा दर्ज किया जाए.
क्या बाबा रामदेव या उनकी संस्था अथवा किसी प्रतिनिधि विशेष के खिलाफ अभी तक कोई मुकदमा थाने में पुलिस ने दर्ज किया है? पूछने पर मध्य दिल्ली जिला डीसीपी (उपायुक्त) ने कहा कि नहीं सिर्फ बयान पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है. जो शिकायत मिली है पहले उसमें दर्ज बिंदुओं की जांच की जाएगी और अगर आरोप सही पाए गए तभी मुकदमा लिखा जाएगा.
बीते कुछ दिनों से बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के खिलाफ वाकयुद्ध चल रहा था. दोनों पक्ष पब्लिक प्लेटफार्म्स पर आकर एक दूसरे पर हावी होकर अपने पक्ष को मजबूत साबित करने के लिए जूझ रहे हैं. हालांकि दोनों ही पक्षों को अभी तक इस मुंहजुबानी लड़ाई में हासिल कुछ नहीं हो सका है. हां, इस बारे में हस्तक्षेप के लिए आईएमए ने एक पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को भी लिखा था. पीएमओ ने उस पत्र पर क्या एक्शन लिया, अभी तक इसका भी खुलासा नहीं हो सका है.