संसद का मानसून सत्र आज से:31 बिल पेश हो सकते हैं, किसान आंदोलन और कोरोना को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
संसद के मानसून सत्र की आज से शुरुआत हो रही है। इसमें 2 फाइनेंशियल सहित कुल 31 बिल पेश किए जा सकते हैं। यह सत्र 13 अगस्त तक चलना है। सरकार की कोशिश है कि सेशन हंगामे की भेंट न चढ़े, क्योंकि विपक्ष किसान आंदोलन और कोरोना के बहाने सरकार को घेरने की तैयारी में है। रविवार को हुई ऑल पार्टी मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार संसद में सार्थक चर्चा के लिए तैयार है।
20 जुलाई को कोरोना पर बोलेंगे प्रधानमंत्री
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 20 जुलाई को पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे कोरोना पर बोलेंगे। विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने इसे संसद के मानदंडों का दरकिनार करने की कोशिश बताया। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री को हाउस में बोलना चाहिए।
विपक्षी दलों के सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने जोशी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। कुछ ने सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों की जॉइंट मीटिंग का भी सुझाव दिया। CPI(M) के जनरल सेक्रेटरी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि पार्टी की हमेशा से यही स्थिति रही है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो तो सरकार को जो कुछ भी कहना है, वह सदन के पटल पर ऐसा कर सकती है।
विपक्ष की मांग- प्रधानमंत्री सदन में बोलें
येचुरी ने कहा कि सरकार के लिए ऐसा करना सही नहीं है। संसद का सत्र चल रहा हो तो सरकार जो भी बात रखनी हो उसे संसद के अंदर ही करना होता है। वहीं, ओ ब्रायन ने दावा किया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश मिश्रा सहित बैठक में मौजूद सभी विपक्षी नेताओं ने संसद के बाहर संबोधन का सुझाव खारिज कर दिया। बैठक में 33 दलों के नेता शामिल हुए।
लोकसभा अध्यक्ष सेशन से एक दिन पहले सांसदों से मिले
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानसून सत्र से पहले रविवार को लोकसभा में पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सेशन कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक चलेगा। इस दौरान छोटी पार्टियों को भी भरपूर समय दिया जाएगा। पिछली बार सभी दलों की मदद से 122% काम हुआ था।
किसान आंदोलन का मुद्दा छाया रहेगा
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इस मसले पर उनकी दिल्ली पुलिस के साथ रविवार को बैठक हुई। इसके बाद किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे। हमने संसद के घेराव की बात कभी नहीं कही। उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी।
वहीं अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सभी पार्टियों ने कहा है कि किसान आंदोलन बड़ा मुद्दा है। इसे हल किया जाए। सदन तब चलेगा जब लोगों के मुद्दों को हल किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों के लिए पुलिस भी तैयार
दिल्ली पुलिस ने मानसून सत्र के दौरान किसानों के संसद घेराव के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो के 7 मेट्रो स्टेशन (जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस, उद्योग भवन) पर ज्यादा निगरानी रखने और जरूरत पड़ने पर उन्हें बंद करने के लिए पत्र लिखा है।