UP के 5 हजार ईंट-भट्ठे सील:प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बगैर परमीशन चल रहे थे, हाईकोर्ट ने 12 दिन पहले कार्रवाई कर मांगा था हलफनामा
उत्तर प्रदेश की आबोहवा को प्रदूषित कर रहे 5 हजार ईंट-भट्ठों को सील कर दिया गया है। यह कार्रवाई एक हफ्ते के भीतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में की गई है। ये सभी प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बगैर ही संचालित किए जा रहे थे। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 जुलाई को एक जनहित याचिका पर कहा था, उन सभी ईंट-भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो अनुमति के बिना संचालित किए जा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने बोर्ड के सचिव आशीष तिवारी निर्देश दिया था कि बोर्ड द्वारा की गयी कार्रवाई की जानकारी कोर्ट को एक शपथ पत्र के साथ दी जाए। इसके बाद आशीष तिवारी ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह जिला प्रशासन के सहयोग से बिना अनुमति के चल रहे सभी ईंट-भट्ठों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। प्रदेश में लगभग 18 हजार ईंट भट्ठे हैं।
पर्यावरण की अनदेखी कर चल रहे ईंट भट्ठे
याचिका में आरोप लगाया गया था कि यूपी के बागपत में करीब 600 ईंट भट्ठों का संचालन पर्यावरण हितों और कानून की अनदेखी कर किया जा रहा है। साथ ही कहा है कि भट्ठा मालिकों के पास पर्यावरण व व अन्य मंजूरी भी नहीं है। यूपी के गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, हापुर, मुजफ्फरनगर सहित 7 जिला, हरियाणा के 13 और राजस्थान के दो जिले अलवर और भरतपुर में नियमों की अनदेखी कर ईंट भट्ठा का परिचालन हो रहा है।
एनजीटी ने अवैध ईंट-भट्ठे के संचालन पर जताई थी सख्ती
अक्टूबर 2020 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश सरकार को ईंट भट्ठों के अवैध संचालन के खिलाफ सतर्कता बरतने और समुचित कार्रवाई करने का आदेश दिए थे। ट्रिब्यूनल ने कहा था कि वायु गुणवत्ता को खराब करने में ईंट भट्ठा उद्योगों का बड़ा योगदान रहा है। एनजीटी प्रमुख जस्टिस की पीठ ने ईंट भट्ठा उद्योगों का दिल्ली और एनसीआर की आबोहवा में सर्दियों और गर्मियों में पीएम-10 उत्सर्जन में लगभग 5 से 7 फीसदी की भागीदारी रही है।
हवा की गुणवत्ता की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के संबंधित प्राधिकरण ईंट भट्ठों के अवैध संचालन के खिलाफ कड़ी निगरानी रखे। ट्रिब्यूनल ने कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान ईंट भट्ठा के संचलान की अनुमित देने पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को आड़े हाथ लिया था।