CM के शहर में ‘डकैतों का डर’ ….. जोन में टॉप पर रहा गोरखपुर; 11 जिलों में 8 डकैतियां, 5 सिर्फ यहां पर

यूं तो यूपी सरकार प्रदेश में विकास और बेहतर कानून व्यवस्था होने का डंका पीटती रहती है, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर की हकीकत ही कुछ और बयां करती है। यहां सीएम योगी के शहर गोरखपुर में पूरे साल डकैतों का डंका बजता रहा। लगभग खत्म हो चुकी डकैती की घटनाएं बीते साल 2021 में अचानक बढ़ गईं। शायद यही वजह है कि गोरखपुर पुलिस जोन के 11 जिलों में डकैती के मामलों में गोरखपुर जिला टॉप पर रहा।

यहां 1 जनवरी 2021 से 15 दिसंबर 2021 के दरमियान डकैती की 5 घटनाएं पुलिस रिकार्ड में दर्ज की गई। जबकि इसी दौरान पूरे जोन के 11 जिलों में दर्ज 8 डकैती की वारदातों में 5 सिर्फ अकेले गोरखपुर में दर्ज हुईं। जबकि अन्य घटनाएं बहराइच जिले में दर्ज की गई। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक जोन के 9 अन्य जिलों में डकैती की एक भी वारदात नहीं हुई।

रिकार्ड और हकीकत में अंतर
हालांकि यह वह घटनाएं हैं जोकि बकायदा पुलिस रिकार्ड में डकैती की धाराओं में दर्ज किए गए हैं। जबकि कई मामलों में पुलिस ने इस तरह की घटनाओं में या तो केस ही नहीं दर्ज किए या फिर लूट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया।

बीते साल 12 अगस्त को चौरीचौरा इलाके के महादेव जंगल गांव के मुख्य रोड पर स्थित फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस कम्पनी के कार्यालय में घुसकर 6 बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। लेकिन पुलिस ने इस मामले में लूट का केस दर्ज किया। वहीं, पुलिस इस मामले का अब तक खुलासा भी नहीं कर सकी।

पिछले साल की तुलना में बढ़ गई डकैती की घटनाएं
वहीं, अगर पुलिस रिकार्ड की ही बात करें तो पिछले साल 2020 में जोन के 11 जिलों में 4 डकैती की घटनाएं हुई। जिनमें अकेले गोरखपुर में 2, देवरिया में 1 और बहराइच में 1 डकैती हुई। जबकि साल 2019 में जोन के किसी भी जिले व रेंज में डकैती की एक भी घटनाएं नहीं हुई। ऐसे में पुलिस ने डकैती का पन्ना पूरी तरह बंद कर अपनी पीठ थपथपाई थी।

लेकिन बीता साल एक बार फिर पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़ा कर दिया। साल 2021 आंकड़ा दोगुना होकर डकैती की वारदातें 8 हो गई। जिससे अपराध कम करने का दावा करने वाली पुलिस के माथे पर अचानक पसीना आ गया।

जोन के इन जिलों में 3 सालों में नहीं हुई एक भी डकैती
जबकि गोरखपुर जोन के 3 रेंज व 11 जिलों में बस्ती रेंज ऐसा रहा जहां डकैती की मामलों के इन तीन वर्षों में एक भी केस नहीं दर्ज हुए। या फिर यूं कहा जा सकता है कि यहां सरकारी आकड़ों में पुलिस ने डकैती पर पूरी तरह लगाम लगा ली। बस्ती रेंज के बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिले में 3 साल में डकैती के एक भी केस नहीं दर्ज किए गए। वहीं गोरखपुर रेंज के कुशीनगर व महराजगंज जिलों में भी तीन साल में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। इसी तरह देवीपाटन रेंज के बलरामपुर, श्रावस्ती व गोंडा जिले में इन तीन सालों के दौरान डकैती की एक भी वारदात नहीं हुई।

गोरखपुर में डकैती की प्रमुख घटनाएं

  • 12 अगस्त 2021 : चौरीचौरा इलाके में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के दफ्तर में 4.10 लाख की डकैती।
  • 15 फरवरी 2021: खोराबार इलाके के कुसम्ही बाजार स्थित ज्वेलर की दुकान में घुसकर 39 लाख 60 हजार रुपये की डकैती
  • 22 नवंबर 2021: गोरखनाथ इलाके के राजेंद्रनगर वी मार्ट के सामने मकान मालिक ने जायसवाल जनरल स्टोर्स की दुकान में डकैती की वारदात की थी।

केस दर्ज करने में नहीं होती लापरवाही
एडीजी जोन अखिल कुमार का कहना है कि किसी भी वारदात में घटना के मुताबिक ही केस दर्ज किए जाते हैं। अगर पुलिस केस दर्ज करने में लापरवाही करती तो डकैती के जोन में सबसे अधिक केस गोरखपुर में नहीं दर्ज होते। कई मामलों में विवेचना के दौरान भी केस में धारा बढ़ाई जाती है।

आकड़ों की बात करें तो करीब सभी मामलों में पहले की तुलना में अपराध कम हुए हैं। किसी भी मामले में सबसे पहले केस दर्ज करना ही पुलिस की पहली प्राथमिकता होती है।

डकैती की इन वारदातों को नहीं भूल सकते शहर के लोग

  • 20 नवंबर 2000: खोराबार अब रामगढ़ताल इलाके के शिवाजी कॉलोनी के एक मकान में बाबरिया गिरोह ने पूरे परिवार के 7 लोगों की हत्या कर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था।
  • 21 नवंबर 2001: गोरखनाथ इलाके वृंदावन कॉलोनी के एक मकान में 4 लोगों की हत्या कर डकैतों ने की थी लूटपाट।
  • साल 2008 में गोरखनाथ इलाके के ग्रीन सिटी के एक मकान में एक व्यक्ति की हत्या कर हुई थी डकैती।
  • 8 जनवरी 2016: कोतवाली इलाके के विंध्यवासिनी नगर में रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर संजय श्रीवास्तव और एचपी स्कूल की ​प्रिंसिपल तूलिका श्रीवास्तव की हत्या कर ड्राइवर ने कराई थी डकैती।
  • जून 2020: कैंट इलाके के छात्रसंघ चौराहा स्थित पनेशिया अस्पताल के विवाद में भाजपा सांसद कमलेश पासवान पर दर्ज हुआ था डकैती का केस।

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