Delhi Police: दिल्ली पुलिस में हुए बड़े बदलाव! अब थानों के साथ जुड़ेंगी PCR, माइक्रो लेवल पर काम करेगा पुलिसिंग सिस्टम

दिल्ली पुलिस के नए सिस्टम में थाने की कार्यशैली में भी बदलाव देखने को मिलेंगे. पीसीआर कर्मियों की तैनाती से थाने में पुलिसकर्मियों की संख्या और वाहनों में भी इजाफा हो जाएगा. पुरानी व्यवस्था में जहां एक दो वाहन होते थे, वहीं अब हर थाने में चार से पांच अतिरिक्त गाड़िया बढ़ जाएंगी.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में एक बड़ा बदलाव हुआ है. अब पीसीआर (PCR ) यूनिट का जिम्मा जिलों के कंधे पर होगा और सभी आपराधिक मामलों की तफ़्तीश के लिए स्पेशलिस्ट टीम (Special Team) होगी. दिल्ली पुलिस में होने वाले इस बड़े बदलाव का सीधा फायदा दिल्ली वासियों को मिलेगा. दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट के पुलिसकर्मियों को अलग-अलग सभी जिलों के थाने (Police Station) में शिफ्ट किया जा रहा है. पीसीआर यूनिट में तैनात लगभग 8 हज़ार पुलिसकर्मियों को दिल्ली के अलग-अलग थानों के साथ जोड़ा जा रहा है.

यानी अब सितंबर से पीसीआर की कोई अलग से यूनिट नहीं होगी. पीसीआर कर्मी अब थाने की पुलिस मानी जाएगी. ये बड़ा बदलाव नए कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस में किया है. पीसीआर कर्मियों की थानों में तैनाती किए जाने के बाद थाने की पुलिसिंग में भी बदलाव आएगा.

दिल्ली पुलिस की कार्यशैली में बदलाव

नए सिस्टम के तहत थाने की कार्यशैली में बदलाव देखने को मिलेंगे. पीसीआर कर्मियों की तैनाती से थाने में पुलिसकर्मियों की संख्या और वाहनों में भी इजाफा हो जाएगा. पुरानी व्यवस्था में जहां एक दो वाहन होते थे, वहीं अब हर थाने में चार से पांच अतिरिक्त गाड़िया बढ़ जाएगी. दिल्ली के सड़कों पर पुलिस की मौजूदगी अब पहले से ज्यादा देखने को मिलेगी. अब माइक्रो लेवल पर पुलिसिंग सिस्टम काम करेगा.

नए सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा समय की बचत होगी. यानी जो पुलिस कर्मी कॉल पर जाएंगे, वहीं अपराध की मेरिट पर तय करेंगे कि आगे की कार्रवाई क्या होगी. अगर अपराध गंभीर नहीं है और दोनों पक्षों की रजामंदी है, तो घटना स्थल पर निपटारा भी किया जाएगा. अगर मामला गंभीर है तो केस जांच अधिकारी को तुरंत सौंप दिया जाएगा. इससे समय में काफी बचत होगी.

समय की काफी बचत होगी

पुरानी व्यवस्था के तहत अगर कोई शख्स पीसीआर कॉल 100 नंबर या 112 पर डायल करता था तो सबसे पहले पीसीआर कर्मी पहुंचते थे. फिर वो लोकल पुलिस को बुलाते थे. लोकल पुलिस के आते ही पीसीआर कर्मी का काम खत्म हो जाता था. हालांकि लोकल पुलिस के आने में वक़्त भी लगता था. लेकिन नए सिस्टम में ऐसा नहीं होगा और समय की काफी बचत होगी.

इसके साथ ही थानों में अपराधिक मामलों की जांच के लिए अलग-अलग टीमें, अलग-अलग इंस्पेक्टर के तहत काम करेंगी. दिल्ली पुलिस के थानों में अलग से जांच विंग बनेगी. इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन मामलों की जांच करने वाली टीम का प्रभारी होगा. इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन और उसकी टीम लॉ एंड ऑर्डर का काम नहीं करेगी. इसके साथ पुलिस थाने में एटीओ यानी एंटी टेरिस्ट ऑफिसर , इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन यानी ब्रावो का चयन अब जिला डीसीपी ही करेंगे. पहले तक इन इंस्पेक्टर की तैनाती दिल्ली पुलिस मुख्यालय से होती थी.

कंट्रोल रूम में नहीं होगा बदलाव

कंट्रोल रूम के काम में कोई बदलाव नहीं होगा. पहले की तरह जब कॉल 100 या 112 नंबर कॉल होगी तो वो सीधे सेंटरलाइज कंट्रोल रूम में पहुंचेगी. यानी इमरजेंसी नंबर वाले पहले की तरह ही कॉल कर सकेंगे. इस पहल के बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के सभी जिलों की टीम को ट्रेनिंग भी दे दी है. इस बदलाव को लेकर पुलिसकर्मियों में काफी उत्साह है.

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