जिलों में तीन साल से तैनात पुलिस कर्मी हटेंगे:यूपी गृह विभाग ने 2 स्क्रीनिंग कमेटी का किया गठन, एक ASP व DSP और दूसरी इंस्पेक्टर व सब-इंस्पेक्टर का तैयार करेगी ब्यौरा

  • अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने जारी किए आदेश, एक सप्ताह में शासन ने मांगी रिपोर्ट
  • एक कमेटी डीजी अभिसूचना की अध्यक्षता में, दूसरी कमेटी के एडीजी ला एंड आर्डर अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश में एक ही जिले में तीन साल से जमे एएसपी, डिप्टी एसपी, इंस्पेक्टर और सब-इंसपेक्टर (31.3.2022 तक का कार्यकाल) को हटाया जाएगा। इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने आदेश जारी करते हुए दो स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है। इसमें एक ASP व DSP और दूसरी इंस्पेक्टर व सब-इंस्पेक्टर का ब्यौरा तैयार करेगी। जिसके आधार पर उनका तबादला किया जाएगा। इस स्क्रीनिंग कमेटी को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के शुक्रवार को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि डीजी अभिसूचना की अध्यक्षता में एडीजी कानून व्यवस्था और सचिव गृह एएसपी व डिप्टी एसपी का ब्यौरा तैयार करेंगे। वहीं निरीक्षक और उप निरीक्षक का एडीजी ला एंड आर्डर अध्यक्षता में एडीजी स्थापना और सचिव गृह अपना राय देंगे। जिसके आधार पर तीन साल से एक ही जिले में तैनात पुलिस कर्मियों का तलाबदला किया जाएगा। दूसरी तरफ पुलिस मुख्यालय ने भी इसके चलते तीन साल से एक ही जनपद, कार्यालय में जमे पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को चिन्हित कर सूची तलब कर ली है। इसके लिए सभी जिलों की पुलिस इकाई के मुखिया को पत्र लिखा गया है।

आईपीएस के तबादले पर भी मंथन शुरू
प्रदेश के 75 जिलों में 20 से अधिक आईएएस ऐसे हैं जो विभिन्न पदों पर एक ही जिले में लंबे समय से हैं। वहीं पीसीएस के 55 ऐसे अफसर एक ही जिले में डेरा जमाए हुए हैं। गृह विभाग उनकी भी लिस्ट तैयार करने की तैयारी कर रहा है। इन्हें भी अक्तूबर तक हटाने की चर्चा है। शासन स्तर पर ऐसे अधिकारियों के नामों पर विचार शुरू हो गया है।

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