PGIMER निदेशक ने बताया, देश में शुरू हुई कोरोना की तीसरी लहर, बच्चों को लेकर दिया ये बड़ा बयान

चंडीगढ़: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ के निदेशक डॉ जगत राम ने कहा कि देश कोविड-19 की तीसरी लहर की शुरुआत में है और अधिकांश बच्चों ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है, जिसका मतलब है कि वे घातक संक्रामक वायरस की चपेट में नहीं आ सकते हैं।

पीजीआईएमईआर के निदेशक ने कहा, “हम कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की शुरुआत में हैं। पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ द्वारा 2700 बच्चों के बीच किए गए एक सीरोसर्वे से पता चलता है कि उनमें से 71 प्रतिशत ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है। यह दिखाता है कि तीसरी लहर के दौरान बच्चे असमान रूप से प्रभावित नहीं होंगे।”

डॉ जगत राम ने आगे कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में किए गए सीरोसर्वे से पता चलता है कि लगभग 50-75 प्रतिशत बच्चों ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है, इसलिए कोरोना वायरस की तीसरी लहर बच्चों को असमान रूप से प्रभावित करेगी।

उन्होंने कहा, “लगभग 69 प्रतिशत से 73 प्रतिशत बच्चों ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है। औसतन 71 प्रतिशत नमूनों में एंटीबॉडी विकसित हो गई है। हम जानते हैं कि बच्चों के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए एंटीबॉडीज कोविड-19 संक्रमण के कारण विकसित हुई हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता, तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी।”

पीजीआईएमईआर के निदेशक ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के चरम में देरी हो सकती है। उन्होंने लोगों से प्रोटोकॉल का पालन करने, मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की। डॉ राम ने लोगों से खुद को वायरस के खिलाफ टीका लगवाने का आग्रह किया।

वर्तमान में देश में कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी वैक्सीन की खुराक दी जा रही है।

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