भिंड में डूबे 4 बच्चों के परिवार का दर्द:
राज बोला- आंखों के सामने तालाब में सभी समाते गए, भाई ने बचने के लिए मेरी शर्ट पकड़ी तो वह फट गई, हाथ पकड़ा तो फिसल गया…..
भिंड के मेहगांव में वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के पास भटरिया तालाब में गणेश विसर्जन के दौरान रविवार शाम चार बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी। तालाब में डूबे 13 साल के हर्षित कुशवाह अपने भाई राज की आंखों के सामने डूब गया। राज ने कहा- गणेश जी की मूर्ति को लेकर हम छह लोग तालाब पर गए। यहां विसर्जन के दौरान पैर फिसला तो एक के बाद गहरे पानी में जाने लगे।
भाई हर्षित साथियों को बचाने उतरे तो वे भी डूबने लगा। मैंने उसका हाथ पकड़ा तो वह फिसल गया। भाई ने शर्ट की जेब पकड़ी तो वह फट गई। बचाते समय मैं भी गोता खा गया। हमने पानी को हटाकर पार (किनारे) पर आए।
डबडबाती आंखों से राज ने पूरे घटना को दैनिक भास्कर को बताया और कहा कि चारों जब डूब रहे थे तब सभी के आखिरी बार हाथ ऊपर थे। वे बचाने के लिए चिल्ला रहे थे, लेकिन आसपास मदद के लिए सिर्फ हम दो लोग ही थे। बड़ा कोई नहीं था। एक के बाद एक पानी में मेरी आंखों के सामने समाते गए। हम कुछ नहीं कर सके। घटना में सरपंच के दो बेटों अभिषेक और प्रशांत की भी मौत हो गई थी।
शर्ट फट गई गोता खा गए फिर न बचा भाई
दरअसल, राज अपने भाई हर्षित के साथ तालाब पर मौजूद था। यहां सचिन, प्रशांत और अभिषेक पानी में डूब रहे थे तब राज का भैया हर्षित भी पानी में बचाव के लिए आगे बढ़ा। जब हर्षित डूबने लगा तो पीछे खड़े राज ने उसे बचाने का प्रयास किया। डूबते वक्त हर्षित ने राज की शर्ट की जेब पकड़ ली। जेब फट गई। जब राज ने हर्षित का हाथ पकड़ा तो वो भी पानी में डूब गया। एक गोता खाने के बाद पानी को हटाकर बाहर निकला।
घटना के समय कोई नहीं था मौजूद
इस तालाब पर हर साल गणेश और देवी विर्सजन कार्यक्रम आयोजित होते है। बालक राज का कहना है कि घटना के समय तालाब पर कोई मौजूद नहीं था। हम सभी बालक ही थे। एक अन्य बालक था, जिसने इन बच्चों के बचाव का प्रयास किया था।
मोहल्ले वालों ने दी चारों को अंतिम विदाई
मेहगांव कस्बे में ह्रदय विदारक इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार सांत्वाना देने में जुटी हुई है। कस्बे के मौ रोड पर यह चारों बालक एक दूसरे से 400 से 500 मीटर दूरी पर रहते है। पूरे क्षेत्र में कोहराम मचा हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा शवों का पोस्टमार्टम कराकर उन्हें परिजनों को सौंप दिया। परिजन बच्चों का जलदाह संस्कार कराने के लिए सेंवढ़ा पहुंचे। चारों बच्चों के एक साथ शव उठे तो नगर वासियों के आंखों में आंसू आ गए। हर कोई यह कह रहा था कि हे भगवान ये क्या हो गया…।
सरपंच के घर से उठी दो बालकों की अर्थी
मौ रोड पर रहने वाली सरपंच रीता देवी ने भी अपने दोनों बच्चों को एक साथ खोया है। रीता के पति पवन कुशवाह का कहना है कि तीन बेटे हैं] जिसमें अभिषेक ओर प्रशांत दोनों ही छोटे थे। दोनों पढ़ाई में होशियार थे। दोनों की पानी में डूबने से मौत हो गई। पवन का कहना है कि घटना के समय मैं गांव में था। मुझे जानकारी लगी तब मैं गांव से आया। इसी तरह से राज कुशवाह के घर से उसके भाई हर्षित की अर्थी उठी। राज अपने भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होते वक्त खूब रोया। इधर सचिन के माता-पिता व परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।