नई कार खरीदने से पहले जान लें:कंपनी से लेकर मॉडल और कीमत तक 5 बातों का ध्यान रखेंगे तो पहली कार को सिलेक्ट करने में होगी आसानी

सेमीकंडक्टर की वजह से कार की डिलीवरी में देरी हो रही है। इसके बाद भी फेस्टिव सीजन के दौरान इनकी डिमांड में तेजी आई है। कोविड-19 महामारी की वजह से परिवार की सेफ्टी के चलते कार लोगों की जरूरत भी बन चुकी है। सुरक्षा के लिहाज से लगभग सभी लोग अपनी कार से ही ट्रैवल करना चाहते हैं। ऐसे में आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे है तब इसे लेकर जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए।

कार खरीदने से पहले उसके खर्च से जुड़े कुछ सवाल आपके दिमाग में होने चाहिए। जिनके सही जवाब मिलने के बाद ही अपने कदम आगे बढ़ाएं। हम यहां ऐसी 5 बातें बता रहें हैं जिन्हें जानने के बाद आपके लिए कार खरीदना आसान हो जाएगा।

जब भी हम पहली कार खरीदते हैं तब कार कंपनी का चुनाव सबसे जरूरी होता है, क्योंकि कार खरीदने के बाद आम आदमी उसे आसानी से बदल नहीं सकता। ऐसे में कार कंपनी का चुनाव बहुत अहम हो जाता है। भारतीय बाजार में मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा, महिंद्रा, फोर्ड, किआ, फॉक्सवैगन, टोयोटा, होंडा, निसान, रेनो समेत कई कार कंपनियां मौजूद हैं। इनमें मारुति सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी है। वहीं, दूसरे नंबर पर हुंडई फिर टाटा का नाम आता है।

हालांकि, ऐसा नहीं है कि जो कंपनियां सेलिंग की लिस्ट में 5वें या उससे काफी नीचे हैं उनकी कार की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है। ज्यादातर ग्राहकों की सोच उस कंपनी के पास जाने की होती है जिसकी कार ज्यादा बिकती हैं। ऐसे में आप अपनी पसंद की कंपनी का चुनाव करें। आपके आसपास जो लोग कार चला रहे हैं, उनकी सलाह लें। साथ ही, कार से जुड़े एक्सपीरिएंस को भी जानें।

कार कंपनी के सिलेक्शन के बाद दूसरी सबसे जरूरी बात ये होती है कि आखिर कार खरीदने का मकसद क्या है? यानी कार को आप किसी काम में इस्तेमाल करने वाले हैं। ये इसलिए जरूरी है क्योंकि मार्केट में हैचबैक, सेडान, MPV, मिड SUV और SUV सेगमेंट की कार आती हैं। ये सभी कार अलग-अलग पर्पज के लिए बनी हैं।

यदि आपकी फैमिली में 5 लोग हैं तब आपके लिए हैचबैक सही ऑप्शन है। यदि मेंबर्स 5 से ज्यादा हैं तब आपको MPV या 7 सीटर कार की तरफ जाना होगा। यदि आप ऐसे शहर में रहते हैं जहां की सड़कें खराब हैं तब आपको SUV सेगमेंट की तरफ जाना होगा। यदि आप ज्यादा लगेज लेकर चलते हैं तब आपके लिए सेडान ठीक है।

जब ये तय हो जाए कि कार किस मकसद के लिए खरीदना है तब तीसरा काम कार का मॉडल और बजट सिलेक्शन का हो जाता है। जैसे आप हैचबैक लेना चाह रहे हैं तब आपको कितने रुपए खर्च करने होंगे। मान लीजिए आप मारूति की कोई हैचबैक खरीदते हैं, तब आपको ऑल्टो, एस-प्रेसो, सेलेरियो, वैगनआर, स्विफ्ट, इग्निस, बलेनो, एस-क्रॉस जैसे कई ऑप्शन मिलेंगे। सभी कार 5 सीटर हैं, लेकिन कीमत में काफी अंतर है। आपका बजट 5 लाख के करीब है तब आप ऑल्टो, एस-प्रेसो और सेलेरियो को चुन सकते हैं।

यदि आपको अपने बजट से ऊपर की कोई हैचबैक पसंद आ रही है तब आप लोन का अमाउंट बढ़ा सकते हैं, लेकिन इसके लिए लोन पर लगने वाले इंटरेस्ट रेट, लोन प्रोसेसिंग फीस, हिडन चार्जेज, लोन क्लोजिंग चार्जेज जैसी बातों के बारे में पता कर लें। साथ ही, लोन का कम्पेयर भी कर लें।

कार खरीदने के दौरान सबसे जरूरी बातों में से एक होती है उसका माइलेज। पेट्रोल कार की तुलना में डीजल और CNG का माइलेज ज्यादा होता है। हालांकि, अब पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग एक-समान हो चुकी हैं, ऐसे में डीजल कार को खरीदने ज्यादा समझदारी नहीं माना जाता। इसकी वजह है कि डीजल कार का मेंटेनेंस खर्च पेट्रोल की तुलना में ज्यादा होता है। वहीं, आप CNG कार की तरफ जाते हैं तब उसका माइलेज तो बढ़ जाएगा, लेकिन बूट स्पेस CNG किट की वजह से खत्म हो जाएगा।

कार का सालाना मेंटेनेंस खर्च कितना है, इस बात को भी जानना चाहिए। इन दिनों कार के मेंटेनेंस पर ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती। वहीं, कंपनियां 5 से 10 साल तक के लिए कार के मेंटेनेंस की कॉस्ट लिस्ट जारी कर देती हैं।

कार खरीदते वक्त इंश्योरेंस सबसे जरूरी होता है। लगभग सभी कंपनियां कार इंश्योरेंस अपने डीलर से करके देती हैं, ऐसे में यदि आपको बाहर से इंश्योरेंस कम कीमत में मिल रहा है तब आप बाहर से ही इंश्योरेंस लें। साथ ही, कार की दूसरी एक्सेसरीज और पार्ट्स से जुड़ी गारंटी या वारंटी के पेपर भी जरूर लें। जैसे टायर, स्टीरियो, बैटरी आदि पर अलग-अलग वारंटी मिलती है।

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