लखीमपुर घटना के बाद …बैकफुट पर योगी सरकार, कार्यकर्ताओं के विरोध से परेशानी में है संगठन और इस बीच बदते माहौल से सक्रिय हुआ संघ…

लखीमपुर खीरी की घटना ने उत्तर-प्रदेश में भाजपा को बैकफुट पर धकेल दिया है। सरकार और संगठन इस मामले को जितना सुलझाना चाहते है ,मामला उतनी ही उलझता जा रहा है। अब विपक्ष की सक्रियता और संयुक्त किसान मोर्चा के एलान ने चिंता और बढ़ा दी है। इससे सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है, संगठन बेहद चिंतित और संघ इस घटना के बाद बदलते माहौल पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए है।

लखीमुपर में अंतिम अरदास के बाद किसान मोर्चा ने मृतक किसानों के नाम पर शहीद स्मारक बनाने के साथ ही अस्थि कश यात्रा, रेल रोको अभियान जैसी घोषणाएं की है। साफ है कि तराई के इस प्रदर्शन को अब पूरे उत्तर-प्रदेश में ले जाने की तैयारी है।

लखीमपुर घटना के बाद बैकफुट पर योगी सरकार

कहा जा रहा है कि लखीमपुर घटना के बाद योगी सरकार ने जिस तरीके से कार्यवाई की थी। माना गया कि सरकार फ्रंटफुट पर है। लेकिन अब माना जा रहा है कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेट की गिरफ्तारी से सरकार बैकफुट है। सीएम योगी ने आशीष की गिरफ्तारी से पहले कहा था कि कोई ठोस सबूत के बिना किसी को गिरफ्तार नही किया जा सकता और आशीष के खिलाफ कोई ठोस सबूत नही है, इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी बताती है कि सरकार पर किस तरह का दबाव है। अब आशीष की गिरफ्तारी के बाद अजय मिश्रा की बरखास्तगी की मांग,नही तो बड़े प्रदर्शनों के ऐलान ने सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है। सीएम योगी ने किसानों को लेकर बड़ा फैसला किया है। अधिकारियों को बाढ़ और अत्यधिक बारिश से कृषि फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने और जिन किसानों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें तत्काल मुआवजा देने को कहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी की जानी चाहिए।

सरकार के साथ संगठन की भी बढ़ी परेशानी

परेशानी में संगठन भी है। पार्टी को जल्द ही चुनावी संग्राम में जाना है । ऐसे में किसानों की नाराजगी और इस घटना के बाद उपजे असंतोष कही भाजपा के लिए भारी ना पड़ जाए। संगठन इसको लेकर चिंतत है। पार्टी के नेताओं पर लखीमपुर घटना का किस तरह दबाव है, इसे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के बयान से समझा जा सकता है। उन्होंने रविवार को अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम नेतागिरी करने आए हैं, किसी को लूटने नहीं आए हैं। फॉर्च्यूनर से किसी को कुचलने नहीं आए हैं। वोट मिलेगा तो आपके व्यवहार से मिलेगा। स्वतंत्र देव सिंह के बयान से साफ है कि वह कार्यकर्ताओं के मन में उठे संशय को न केवल दूर कर रहे थे, बल्कि आगे उन्हें कैसे व्यवहार करना है इसकी नसीहत भी दे रहे थे।

पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी आ रही है सामने

पार्टी के लिए यह दौर इसलिए भी अहम है क्योंकि प्रदेश में चुनाव होने में बमुश्किल 4-5 महीने बचे हैं। और ऐसे में अगर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की वजह से कोई घटना घटती है तो विपक्ष को एक और मौका मिल जाएगा। साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में लखीमपुर घटना को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। आवाज उठ रही है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या करने वालों की गिरफ्तारी कब होगी? कार्यकर्ताओं में नाराजगी इतनी है कि वह पार्टी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर भी लिखना शुरू कर दिया है।

दिल्ली दरबार में भी हुई चर्चा

उत्तर-प्रदेश की इस घटना के बाद उपजे सियासी माहौल को लेकर दिल्ली दरबार तक में चर्चा हो रही है। सबसे पहले तो खुद अजय मिश्रा टेनी गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर सफाई दी इसके दो तीन दिन बाद जेपी नड्डा के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, राज्य महासचिव सुनील बंसल सहित कई वरिष्ठ नेताओं से जमीनी हकीकत को समझने के लिए बैठक हुई। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में सीएम आवास पर भाजपा की क्षेत्रवार बैठकों में भी अवध क्षेत्र की इस घटना का असर दिखाई दिया। प्रदेश अध्यक्ष सांसदों और विधायकों से कहा कि वो अपनी भाषा पर संयम रखें। नेता वो है, परिवार के लोग नेतागिरी ना करें।

संघ की भी है नजर

कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इन गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। हालांकि ऐसे मामलों में सीधे तौर पर संघ की कोई भूमिका नही होती है, लेकिन बदलते घटनाक्रम और उसके बाद जमीन पर हुए बदलावों पर संघ की नजर है। संघ के जानकार की मानें तो संघ इस घटना की तह में पहुंचने के लिए वहां के अपने स्वंय सवकों से फीडबैक ले रहा है। ज़रुरत पड़ती है तो इसे उच्च पदाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। इस घटना का आगे क्या असर रहने वाला है, इसको लेकर भी फीडबैक लिया जा रहा है। भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि लखीमपुर की घटना का कोई असर बाकी इलाकों में नही पड़ने वाला है। सरकार के एक्शन का बड़ा असर हुआ है और यह सरकार के लिए सकारात्मक है।

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