बसपा ने चुनाव आयोग में की शिकायत ……हासचिव ने 11 पेज का भेजा पत्र, वोटिंग से 6 महीने पहले ओपिनियन पोल पर बैन लगाने की मांग
बहुजन समाज पार्टी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर चुनाव से 6 महीने पहले ओपिनियन सर्वे पर बैन लगाने के लिए पत्र लिखा है। बसपा के महासचिव और राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने 11 पन्नों के पत्र में मिश्र ने आरोप लगाया है कि ओपिनियन पोल से वोटर भ्रमित होते हैं। उनका कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी को जान बूझ कर फ़ायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जाता है। हाल में कुछ एजेंसियों ने सर्वे किया जिसमें बीएसपी को बहुत पीछे दिखाया गया है, जबकि बीजेपी के खाते में बहुमत का आंकड़ा पेश किया गया है।
बसपा की कम सीटें दिखाई गई, जो गलत है
बसपा महासचिव ने कहा कि, यूपी में क़रीब 15 करोड़ वोटर हैं। लेकिन सर्वे एजेंसियां चंद सौ लोगों की राय के आधार पर अपने आंकड़े पेश कर देती है। ऐसा करना संदेह पैदा करता है। ऐसा कैसे हो सकता है ? पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र कहते हैं सितंबर के महीने में कुछ मीडिया प्लेटफ़ार्म पर सर्वे दिखाया गया। जिसमें बीएसपी को बहुत कम सीटें दी गई हैं। उन्होंने टीवी न्यूज़ चैनल पर दिखाए गए सी वोटर सर्वे का भी हवाला दिया है।
बसपा प्रमुख मायावती शुरूआत से ही ओपिनियन पोल के ख़िलाफ़ रही हैं। पहली बार बीएसपी ने इस मामले में चुनाव आयोग से लिखित शिकायत की है। यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती का आरोप है कि कोरोना के कारण जनता बेहाल है। अर्थ व्यवस्था चौपट हो गई है। लोग बेरोज़गार हो गए हैं और गरीबी भी बढ़ गई है। ऐसे हालात में यूपी बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ जनता में आक्रोश है फिर भी सर्वे में लगातार बीजेपी की सरकार बनती हुई बताई जा रही है।
काशी राम परिनिर्वाण दिवस पर किया था ऐलाान
बीते 9 अक्टूबर को काशी राम परिनिर्वाण दिवस पर सभा को सम्बोधित करते हुए मायावत ने कहा था कि, चुनाव आयोग से किसी भी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के छह महीने पहले होने वाले प्री-पोल सर्वे पर पूर्णत: रोक लगाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे सर्वे सत्तारूढ़ दल के पक्ष में माहौल बनाने के लिए किए जाते हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वह इस संबंध में चुनाव आयोग को पत्र भी लिखने की बात भी कही थी।