चंद्रशेखर को 2 सीटें देने के लिए तैयार थी सपा …. एक फोन ने गठबंधन बिगाड़ा लेकिन अखिलेश अब भी समझौते के लिए तैयार
आजाद समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन का खेल एक फोन कॉल ने बिगाड़ दिया है। फोन किसका था इसके बारे में अखिलेश यादव अब भी पता करने में लगे हैं। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने भले ही गठबंधन से इंकार कर दिया हो लेकिन गुंजाइश अब भी है। अखिलेश यादव ने अपनी 4 प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई बार इसकी तरफ स्पष्ट इशारा किया है। अखिलेश यादव का कहना है कि मैंने चंद्रशेखर की पार्टी को अपने हिस्से से त्याग कर 2 सीटें देने का वादा कर दिया था। इसी आधार पर गठबंधन को लेकर उनसे बात चल रही थी, लेकिन बीच में ही किसी का फोन आ गया। इस फोन ने ही सारा खेल बिगाड़ दिया। बस यही पता नहीं चल रहा है कि फोन था किसका। क्योंकि इस फोन के बाद ही उन्होंने चुनाव में सपा का साथ देने से मना किया। अखिलेश ने अपने इस बयान से इशारा किया है कि चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से गठबंधन का दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। चंद्रशेखर चाहें तो दो सीट लेकर अब भी गठबंधन कर सकते हैं।
चंद्रशेखर ने कहा था- अखिलेश ने अपमान किया है
बता दें कि 15 जनवरी की सुबह ही आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने कहा था कि यूपी में बीजेपी के खिलाफ हमने लाठियां खाई हैं। भाजपा को हराना हमारा लक्ष्य है, हम भाजपा को सत्ता में नही आने देंगे। इसीलिए एक महीने से मेरी लगातार अखिलेश से बात हो रही है। अखिलेश तय कर चुके हैं वे दलितों से गठबंधन नहीं करेंगे। अखिलेश ने मुझे अपमानित किया है। मुझे लगता है कि वे दलितों की लीडरशिप खड़े नहीं होने देना चाहते। मैंने अखिलेश पर जिम्मेदारी छोड़ी थी कि वे गठबंधन में शामिल करें या नहीं। लेकिन उन्होंने आज तक जवाब नहीं दिया। अखिलेश को दलितों की जरूरत नहीं है। इसीलिए हमने तय किया है कि अभी सपा से गठबंधन नहीं करेंगे। हम अपने दम पर लड़ेंगे। इसके बाद चंद्रशेखर ने 33 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। उनका कहना है कि दो सीटें लेने के लिए उनकी पार्टी को लोग तैयार नहीं थे। हमें कम से कम 24 सीटें चाहिए। तभी हम बीजेपी के खिलाफ सपा का साथ देंगे।