UP Assembly Elections 2022: संत कबीर नगर की मेंहदावल विधानसभा सीट पर भाजपा का दबदबा, जानिए इस सीट से जुड़ी हर अपडेट

2017 में मेंहदावल से भाजपा के राकेश सिंह बघेल विधायक बने. उन्होंने बसपा के अनिल त्रिपाठी को हराकर जीत दर्ज की थी.

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जल्द ही चुनावी रंग दिखने लगेगा. सरकार के काम-काज से लेकर उनके वादे और मुद्दों की चर्चा जोरों पर शुरू हो चुकी है. नेताओं के छोटे से बड़े कामों की समीक्षा जनता और पार्टी दोनों कर रही है. मेंहदावल विधानसभा (Menhdawal Assembly) का चुनाव स्थानीय मुद्दों और विकास को लेकर ही होता रहा है. लेकिन बीते चुनाव में मेंहदावल की जनता भाजपा लहर के साथ गई.

खूब सुर्ख़ियों में रही यह सीट

उत्तर प्रदेश की मेंहदावल विधानसभा सीट (Menhdawal Assembly) के हालिया नतीजों को देखें तो यह सीट समाजवादी पार्टी के लिए मुफीद साबित हुई है. लेकिन बीते चुनाव में मोदी लहर में यहां की जनता ने अपना आशीर्वाद भाजपा की झोली में डाल दिया. मेंहदावल विधानसभा सीट (Menhdawal Assembly) पर हर चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं. मेहदावल में बिजली, पानी, सड़क के मुद्दे अब भी जस के तस बने हुए हैं. जीत-हार के अलावा यह सीट उस समय सुर्ख़ियों में आई जब संतकबीर नगर के तत्कालीन सांसद शरद त्रिपाठी और यहां के विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच भरी मीटिंग में हाथापाई हुई थी.

सीट का इतिहास

1996 में अब्दुल कलाम ने समाजवादी पार्टी जीत दर्ज की थी. 2002 में एक बार फिर जनता ने अब्दुल कलाम को विधानसभा भेजा. 2007 में फिर अब्दुल कलाम ने फिर समाजवादी पार्टी से ही बाजी मारी. 2012 में समाजवादी पार्टी को जीत मिली लेकिन चेहरा बदल गया. इस बार लक्ष्मीकांत ने समाजवादी पार्टी को सदन तक पहुंचाने का काम किया. 2017 के विधानसभा चुनाव में मेंहदावल से राकेश सिंह बघेल को जनता का प्यार और आशीर्वाद मिला. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे अनिल कुमार त्रिपाठी को हराकर अपनी जीत सुनिश्चित की थी. राकेश सिंह बघेल को 86976 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के अनिल त्रिपाठी को 44062 वोट मिले थे.  राप्ती नदी के तट पर बसे मेंहदावल विधानसभा (Menhdawal Assembly) में 60 फीसदी आबादी निषाद जाति की है.

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