Delhi: ‘टीचर्स को पूरी सैलरी दो वरना होगी कार्रवाई’, तनख्वाह कटौती की शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग की प्राइवेट स्कूल को चेतावनी

जोनल डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि फंड न होने की बात कहकर शिक्षकों और गैर शिक्षण स्टाफ की मासिक सैलरी (Teacher’s Salary) का भुगतान नहीं रोका जा सकता.

टीचर्स की सैलरी (Salary Deduction) कटौती के मामले में शिक्षा विभाग ने दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों (Delhi Private School) को फटकार लगाई है. शिक्षा विभाग ने स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा कि पांच दिनों के भीतर स्कूल या तो टीचर्स को सही भुगतान करें वरना उन्हें सखअत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. दरअसल कोरोना महामारी की शुरुआत से ही प्राइवेट स्कूलों ने टीचर्स की सैलरी में कौटती करनी शुरू कर दी थी. अब तक एक स्कूल द्वारा सैलरी पूरी न मिलने को लेकर काफी शिकायतें सामने आई थीं. जिसके बाद शिक्षा एजुकेशन के जोनल डिप्टी डायरेक्टर ने प्राइवेट स्कूल को पांच दिनों में पूरा भुगतान करने की चेतावनी दी है.

यह मामला रोहिणी सेक्टर 9 में एनके बगरोडिया पब्लिक स्कूल का है. यहां के 34 शिक्षकों के एक ग्रुप ने जुलाई में शिक्षा निदेशक को चिट्ठी लिखी थी. जिसमें कहा गया था कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के समय अप्रैल 2020 में उनकी सैलरी में कटौती शुरू हुई थी. उन्होंने कहा कि अगस्त में उनकी सैलरी में 10 प्रतिशत से अधिक की कटौती की गई थी. टीचर्स ने शिकायत में कहा कि यह कटौती अप्रैल 2021 में बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी गई थी. इसके साथ ही टीचर्स (Delhi Teachers) ने दूसरे मुद्दे भी उठाए थे. टीचर्स ने कहा कि स्कूल ने उन्हें सालाना इंक्रीमेंट भी नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया था कि 2019 के बाद से उन्हें सातवें वेतन आयोग का भी फायदा नहीं मिला.

‘टीचर्स और स्टाफ को देनी होगी पूरी सैलरी’

स्कूल के प्रिंसिपल प्रशांत पाराशर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
बता दें कि टीचर्स की शिकायत के बाद स्कूल ने अगस्त में निदेशालय और कर्मचारियों को बताया था कि बहुत से छात्रों के माता-पिता द्वारा फीस का भुगतान नहीं करने की वजह से स्कूल वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा था कि स्कूल की फाइनेंशियल कंडीशन में सुधार होने के बाद ही पूरे वेतन का भुगतान किया जाएगा.

‘फंड होने के नाम पर सैलरी रोकना गलत’

जोनल डिप्टी डायरेक्टर ने 2020 के बाद से कई स्कूल बंद करने के आदेशों में स्टाफ भुगतान पर क्लॉज की ओर इशारा किया. जिसमें कहा गया है कि फंड न होने के नाम पर न ही शिक्षकों और न हीं गैर शिक्षण स्टाफ का मासिक सैलरी का भुगतान रोका जाएगा. उन्होंने कहा कि स्कूल चलाने वाली सोसायटी और ट्रस्ट फंड की कमी के नाम पर सैलरी नहीं रोक सकते. 26 अक्टूबर को जारी एक नोटिस में अधिकारी ने स्कूल को “सभी कर्मचारियों को तुरंत वैध वेतन का भुगतान करने” और पांच दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था.

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