फ्री फायर गेम की ऐसी लत:मां के अकाउंट से 1500 का रिचार्ज किया, डर से खुद के अपहरण की स्क्रिप्ट लिखी, घायल भी किया

उज्जैन में 10वीं के छात्र ने खुद के अपहरण की साजिश रची। यकीन दिलाने के लिए खुद को चोट भी पहुंचाई। पकड़े जाने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ। वह कोचिंग जाते समय घर से भाग गया था। परिवार वालों ने थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने खुलासा किया कि छात्र को फ्री फायर गेम की लत है।

उसने फ्री फायर गेम में डायमंड और पैक्स खरीदने के लिए अपनी मां के अकाउंट से डेढ़ हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे। मां और परिवार की डांट से बचने के लिए बच्चे ने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची।

घटना जीवाजीगंज इलाके की है। शीतलामाता मंदिर क्षेत्र में रहने वाला 10वीं का छात्र पूरे दिन फ्री फायर गेम खेलता रहता था। 28 अक्टूबर काे वह मां की डांट से भागकर इंदौर चला गया था। वहां राजवाड़ा क्षेत्र में वो कुछ लोगों को रोते हुए मिला। लोगों ने उसे सराफा थाने पहुंचाया। उसने पुलिस को बताया था कि कोचिंग जाते वक्त दो बदमाशों ने उसे उज्जैन के निकास चौराहे से बेहोश कर कार की डिक्की में डाल लिया था। उसने कहा कि बदमाशों ने उसकी पिटाई भी की, लेकिन मौका मिलते ही वह बदमाशों के चंगुल से भाग निकला।

इंदौर की सराफा पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्चे के माता-पिता को इंदौर बुलाया और छात्र को उन्हें सौंप दिया। पुलिस ने जीरो पर कायमी कर केस डायरी उज्जैन की कोतवाली पुलिस को भेज दी।

उज्जैन में शुरू हुई असली पड़ताल
कोतवाली पुलिस ने पूरा मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू की। मंगलवार को छात्र से कई बार पूछताछ की। पहले वह अपहरण की कहानी दोहराता रहा। इस कहानी में भी कई बार अपनी बात को बदलता जा रहा था। पुलिस को यहीं शक हुआ। पुलिस ने कहा वो परिजनों को नहीं बताएंगे कि सच क्या है। इस पर वह पुलिस को सही कहानी बताने के लिए तैयार हो गया।

ये बताई हकीकत
टीआई अमित सोलंकी ने बताया कि पुलिस की बात मानकर उसने स्वीकारा कि वह मोबाइल फोन पर फ्री फायर गेम खेलता है। उसने गेम में डायमंड और कुछ पैक्स खरीदने के लिए मां के अकाउंट से 1500 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए थे। जैसे ही पैसे मां के अकाउंट से ट्रांसफर हुए ताे मोबाइल पर मैसेज आ गया।

उसे डर सताने लगा कि मां और परिवार के लोग डांटेंगे। इसके चलते उसने अपने ही अपहरण की कहानी रची। और सभी को यकीन दिलाने के लिए खुद को घायल भी कर लिया। हाथ दीवार पर मारकर चोट के निशान बना लिए।

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