तिहाड़ जेल में मोबाइल सिग्नल को ब्लॉक करने के लिए लगाए गए हाई टेक्नोलॉजी से लैस 3 मोबाइल टावर

तिहाड़ जेल में 3 बड़े मोबाइल टावर लगाए गए हैं, ये 3 बड़े टावर सिग्नल देने के लिए नहीं बल्कि जैमर के लिए लगाए गए हैं। ये ऑर्डिनरी जैमर की तरह नहीं बल्कि हाईटेक टेक्नॉलजी से लैस तीन टावर हैं। ऑर्डिनरी जैमर एक लिमिटेड एरिया में फोन के सिग्नल को रेस्ट्रिक्ट करता है, जबकि ये तीन टावर पूरे तिहाड़ जेल में किसी भी मोबाइल फोन सर्विस को रोक देंगे।

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय द्वारा बीते बुधवार को कड़ी टिप्पणी के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने कई बड़े बदलाव किए हैं। हाल ही में चाहे 200 करोड़ की जेल से वसूली करने वाला सुकेश चन्द्रशेखर हो जो स्पूफिंग के जरिए बॉलीवुड की अभिनेत्रियों समेत तमाम नेताओं के नाम से लोगों से करोड़ो ऐंठता था और तिहाड़ के अफसरों को भी रिश्वत देता था जिस वजह से 35 अफसरों पर मुकदमे दर्ज किए गए और 5 गिरफ्तार भी हुए। इसके अलावा यूनिटेक मामले में चंद्रा बंधुओं ने भी जमकर तिहाड़ जेल में मनमर्जी चलाई।

इस सबका सबसे बड़ा कारण था तिहाड़ जेल में मोबाइल फोन का एक्सेस। चाहे तिहाड़ प्रसाशन की मिलीभगत हो या किसी भी तरीके से तिहाड़ जेल में मोबाइल पहुचता था और तिहाड़ से मोबाइल फोन का मिसयूज होता था। अब तमाम किरकिरी के बाद तिहाड़ जेल प्रसाशन ने एक बड़ा कदम उठाया है। तिहाड़ जेल में 3 बड़े मोबाइल टावर लगाए गए हैं, ये 3 बड़े टावर सिग्नल देने के लिए नहीं बल्कि जैमर के लिए लगाए गए हैं।

तिहाड़ में ये तीन बड़े मोबाइल टावर लगा दिए गए हैं। हालांकि, इन्हें शुरू करने में अभी 15 से 20 दिन लगेंगे। तिहाड़ में हाल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल से जिस तरह से है प्रोफ़ाइल कैदियों ने मोबाइल फोन से करोड़ों रूपये कमाए और जेल में रिश्वत बांटी, इसके बाद ये एक बड़ा कदम दिल्ली सरकार और तिहाड़ प्रसाशन के लेने के बाद 3 टावर लगाए गए हैं जो कैदियों के जरिए बाहर मोबाइल फोन से होने वाले धंधों पर बेन लगाएंगे। बता दें कि, शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा था कि तिहाड़ जेल की हालत दयनीय है, जो अपराधियों का अड्डा बन गयी है और वहां हत्याएं हो रही हैं। वहीं न्यायालय ने गृह मंत्रालय को जेल सुधारों पर तत्काल कदम उठाने का निर्देश भी दिया है।

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