UP Assembly Elections 2022: फाजिलनगर विधानसभा पर जनता इस बार किसके पक्ष में करेगी फैसला, जानिए इस सीट का समीकरण
2017 में फाजिलनगर सीट पर गंगा सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस चुनाव में उन्होंने सपा के विश्वनाथ को हराया.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा (Fazilnagar Assembly Seat) के मतदाताओं ने सभी सियासी दलों को विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया. हालांकि सबसे ज्यादा मौके विश्वनाथ सिंह को मिले. वह इस विधानसभा क्षेत्र से 6 बार सदन की यात्रा कर चुके हैं.
खूब मिली सुर्खियाँ
बीते दिनों फाजिलनगर विधानसभा (Fazilnagar Assembly Seat) अपने क्षेत्र का नाम बदलने की मांग को लेकर सुर्ख़ियों में रही. भाजपा विधायक गंगा सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर फाजिलनगर का नाम बदलने का आग्रह किया था. बता दें कि गौतम बुद्ध की तरह ही दुनिया को अहिंसा का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के निर्वाण स्थली भी कुशीनगर जिले में है.
फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र (Fazilnagar Assembly Seat) के अंतर्गत आने वाले कई ऐतिहासिक टीले हैं. जिन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की मांग उठती रही है. वहीं विधायक गंगा सिंह ने फाजिलनगर का नाम बदलकर पावा नगर या पावापुरी करने का आग्रह किया था. जिससे क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में इसे नए पहचान मिल सके.
ऐसे रहे चुनावों के परिणाम
1977 के विधानसभा चुनाव में रमेश नारायण पांडेय विधानसभा पहुंचे. 1980 में खुदा दीन अंसारी, 1985 में शशि शर्मा विधायक बने. 1989, 1991 के चुनाव में जनता दल 1993 और 1996 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे विश्वनाथ सिंह लगातार चुनाव जीते. 2002 में भाजपा से जगदीश मिश्रा विधायक बने. 2007 में फिर समाजवादी पार्टी से विश्वनाथ ने जीत दर्ज की. 2012 में गंगा सिंह भाजपा से विधायक बने. वहीं 2017 में फाजिलनगर (Fazilnagar Assembly Seat) की जनता ने 102778 वोट देकर गंगा सिंह विधानसभा भेजा. इस चुनाव में उन्होंने सपा के विश्वनाथ को चुनाव हराया.
जातीय समीकरण
बीते लोकसभा चुनाव की जनगणना के मुताबिक फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र (Fazilnagar Assembly Seat) में कुल 3 लाख 40 हजार 081 मतदाता है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 188507 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 151540 है. इसमें जातीय समीकरण देखें तो ब्राह्मण 10 प्रतिशत, क्षत्रिय 7 प्रतिशत, वैश्य आठ प्रतिशत अन्य सामान में 8 प्रतिशत, यादव 5 प्रतिशत, कुशवाहा 10 प्रतिशत, सैंथवार 9 प्रतिशत अन्य पिछड़ी जातियों से 5 प्रतिशत के बीच अन्य अनुसूचित जातियां 17 प्रतिशत, मुस्लिम 14 प्रतिशत मतदाता हैं.